Highlights
- भाजपा ने बयान पर दिग्विजय को घेरा
- मंत्री बोले- कांग्रेस कार्रवाई करे
- सावरकर पर भी दिग्विजय सिंह ने कही थी 'गोमांस' वाली बात
भोपाल: दिग्विजय सिंह की "लोगों ने मुझे बताया दिग्विजय जी,40 और 50 साल की महिलाएं हैं वह थोड़ा सा मोदी से ज्यादा प्रभावित हैं, लेकिन लड़कियां जो जींस पहनती हैं, मोबाइल रखती है वो प्रभावित नहीं है।" वाले बयान पर मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने पलटवार करते हुए हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि महिला वर्ग के खिलाफ यह टिप्पणी शर्मनाक भी है दुर्भाग्य पूर्ण भी है कांग्रेस को दिग्विजय सिंह को पार्टी से निकाल देना चाहिए।
उन्होंने कहा, शर्म आती है मुझे दिग्विजय सिंह जी के बयान पर इस तरह से रोज बयान देकर वह सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं मुझे आश्चर्य होता है दिग्विजय सिंह की यह परिपाटी रही है जो मीनाक्षी नटराजन जो उनके पार्टी की सांसद थे उन्होंने उनके खिलाफ अपशब्द बोले थे। आगे मंत्री सारंग ने कहा है कि जब वो मुख्यमंत्री थे तो सरला मिश्रा कांड दाग केवल और केवल उनके दामन पर ही लगे थे। जिस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला हो, जिस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी महिला हो, उसकी चमचागिरी करके दिग्विजय सिंह अपनी राजनीतिक रोटी सेकना चाहते हैं। उस महिला वर्ग के खिलाफ ये टिप्पणी शर्मनाक भी है। दुर्भाग्य पूर्ण भी है। कांग्रेस को एक्शन लेना चाहिए। तुरंत कांग्रेस को पार्टी से निकाल देना चाहिए। नहीं तो यह माना जाएगा कि महिला विरोधी ये बयान कांग्रेस का अधिकृत बयान है।
मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, "मुझे आश्चर्य होता है कि यदि आप सोशल मीडिया की बातें करोगे या कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करोगे तो आप महिलाओं का अपमान करोगे। क्या जींस पहनने का और साड़ी पहनने का निर्णय दिग्विजय सिंह लेंगे।
गौरतलब है कि इसी कार्यक्रम में उन्होंने सावरकर पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था, 'यह देश विविधताओं का देश है, यहां ऐसे भी हिंदू हैं जो गोमांस खाते हैं और कहते हैं कहां लिखा है गोमांस ना खाया जाए और अधिकांश हिंदू गोहत्या के खिलाफ हैं।' कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था कि सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि हिंदू धर्म का हिंदुत्व के साथ कोई संबंध नहीं है। उन्होंने यह भी लिखा है कि गाय ऐसा पशु है जो खुद के मल में लोट लेती है, वह कहां से हमारी माता हो सकती है, उसके गोमांस खाने में कोई खराबी नहीं है। यह सावरकर ने कहा है।"