नई दिल्ली: देश में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2022-23 में करीब 720 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त करने की जानकारी दी है। बीजेपी को चंदे में जो राशि प्राप्त हुई वह चार अन्य राष्ट्रीय दलों- कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को प्राप्त कुल राशि से पांच गुना ज्यादा है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने यह जानकारी दी है। एडीआर द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राष्ट्रीय दलों को (20 हजार रुपये से अधिक के) 12,167 चंदों से कुल 850.438 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।
कांग्रेस को करीब 80 करोड़ का चंदा मिला
देश की छठी राष्ट्रीय पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने घोषणा की कि उसे वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 20,000 रुपये से अधिक का कोई चंदा नहीं मिला। वह इस तरह की जानकारी पिछले 17 वर्षों से देती आ रही है। रजिस्टर्ड राजनीतिक दलों के लिए एक वित्तीय वर्ष में उन्हें प्राप्त 20,000 रुपये से अधिक के व्यक्तिगत चंदे का खुलासा करना अनिवार्य है। भाजपा ने 7,945 चंदों के माध्यम से 719.858 करोड़ रुपये और कांग्रेस ने 894 चंदों से 79.924 करोड़ रुपये हासिल होने की जानकारी दी है।
नेशनल पार्टियों को दिल्ली से सबसे ज्यादा मिला चंदा
भाजपा द्वारा घोषित चंदा इसी अवधि के लिए कांग्रेस, आप, एनपीपी और माकपा द्वारा घोषित कुल चंदे की तुलना में पांच गुना अधिक है। एनपीपी पूर्वोत्तर की एकमात्र राजनीतिक पार्टी है, जिसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है। एडीआर ने यह भी बताया कि दिल्ली से राष्ट्रीय दलों को कुल 276.202 करोड़ रुपये, उसके बाद गुजरात से 160.509 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र से 96.273 करोड़ रुपये का चंदा मिला।
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान राष्ट्रीय दलों का कुल चंदा 91.701 करोड़ रुपये बढ़ गया, जो पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में 12.09 प्रतिशत अधिक है। एडीआर ने कहा कि भाजपा को प्राप्त चंदे की राशि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 614.626 करोड़ रुपये से 17.12 फीसदी बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 719.858 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान पार्टी के चंदे में 41.49 प्रतिशत की कमी आई। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कांग्रेस का चंदा 95.459 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 16.27 प्रतिशत की गिरावट से 79.924 करोड़ रुपये पर आ गया। (इनपुट-भाषा)