भाजपा सांसद कंगना रनौत को किसान आंदोलन को लेकर बयान देना भारी पड़ गया है। भाजपा ने कंगना के बयान से किनारा कर लिया है और इसके साथ कंगना को सख्त निर्देश भी जारी किया है। भाजपा ने साफ शब्दों में कहा है कि कंगना रनौत का किसान आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में दिया गया बयान पार्टी का मत नहीं है। भाजपा कंगना के बयान से असहमति व्यक्त करती है।
भाजपा ने कंगना को दिया कड़ा निर्देश
भारतीय जनता पार्टी ने जारी किए गए नोटिस में कहा है कि पार्टी की ओर से, पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए कंगना रनौत को न तो अनुमति है और न ही वे बयान देने के लिए अधिकृत हैं। भाजपा की ओर से कंगना को निर्देशित किया गया है कि वे इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें। भारतीय जनता पार्टी 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' तथा सामाजिक समरसता के सिद्धांतों पर चलने के लिए कृतसंकल्पित है।
क्या था कंगना का बयान?
दरअसल, कंगना रनौत का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कंगना ने कहा था कि जो किसान आंदोलन हुआ वहां लाशे लटक रही थी, वहां रेप हो रहे थे। किसान बिल को वापस ले लिया गया जिससे देश चौंक गया। ये बहुत लंबी प्लानिंग थी जैसे बांग्लादेश में हुआ। चीन और अमेरिका इस तरह की विदेश शक्तियां यहां काम कर रही हैं। कंगना ने कहा था कि अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो जो बांग्लादेश में हुआ वो यहां होते देऱ नहीं लगती।
कांग्रेस ने किया था कंगना का विरोध
कंगना के बयान का कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने विरोध किया था। सुप्रिया ने कहा था कि अगर मोदी सरकार को लगता है कि विदेशी ताकतें हमारे देश के अंदरूनी मामलों में दखल दे रहे हैं, तो इसके बारे में क्या कदम उठाये जा रहे हैं? किसानों को BJP नेताओं ने बहुत अपशब्द बोले हैं, अब उनकी सांसद अन्नदाताओं को हत्यारे और बलात्कारी भी बोल रहीं हैं। इसका जवाब हम नहीं, बस कुछ दिनों में हरियाणा देगा। लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल खड़े किए गए हैं तो BJP और सरकार को जवाब तो देना ही पड़ेगा। अगर ऐसा नहीं है तो यह सांसद कान पकड़ कर माफी मांगें।
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