अगरतला: त्रिपुरा में पांच साल तक सरकार चलाने के बाद बीजेपी की फिर शानदार वापसी हुई है। त्रिपुरा की कुल 60 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 32 सीटें जीतकर लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता बरकरार रखी है। भाजपा को बहुमत के लिए 31 सीटें चाहिए थीं, लेकिन पार्टी ने एक सीट ज्यादा हासिल की है। राज्य में 16 फरवरी को मतदान हुआ था और नतीजे गुरुवार को घोषित किए गए। चुनाव आयोग द्वारा गुरुवार को घोषित परिणामों के अनुसार, आदिवासी-आधारित टिपरा मोथा पार्टी (TMP), जिसने पहली बार अपने दम पर 42 सीटों पर चुनाव लड़ा है वह 13 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। वहीं माकपा ने 11 सीटें जीतीं हैं जबकि कांग्रेस को तीन सीटें मिलीं हैं।
खाता खोलने में विफल रही तृणमूल कांग्रेस
सीपीआई-एम के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा ने कांग्रेस के साथ सीट-बंटवारे की व्यवस्था में चुनाव लड़ा था। उसने 47 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, जबकि 13 सीटें कांग्रेस को आवंटित की गई थीं। बीजेपी की सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) ने दक्षिणी त्रिपुरा की जोलाईबाड़ी सीट पर जीत हासिल की है। रिपोर्ट के अनुसार, 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 36 उसकी सहयोगी आईपीटीएफ ने आठ और माकपा ने 16 सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि, चुनावों के लिए त्रिपुरा में हाई-वोल्टेज अभियान चलाने वाली तृणमूल कांग्रेस राज्य में अपना खाता खोलने में विफल रही।
1,369 वोटों के अंतर से हारे बीजेपी अध्यक्ष
मुख्यमंत्री माणिक साहा ने टाउन बोरडोवाली, उनके कैबिनेट सहयोगी रतन लाल नाथ ने मोहनपुर और केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक ने धनपुर सीट से जीत हासिल की है। हालांकि, उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता जिष्णु देव वर्मा चारिलम में टीएमपी के सुबोध देब बर्मा के खिलाफ 858 मतों के अंतर से हार गए। राज्य भाजपा अध्यक्ष और पहली बार के उम्मीदवार राजीव भट्टाचार्य बनमालीपुर में कांग्रेस उम्मीदवार गोपाल चंद्र रॉय के खिलाफ 1,369 मतों के अंतर से हार गए। 2018 के विधानसभा चुनावों में, पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बिप्लब कुमार देब ने बनमालीपुर से जीत हासिल की थी।
फिर से चुने गए ये दिग्गज नेता
राज्य के मंत्री रामपदा जमातिया (बागमा), सुशांत चौधरी (मजलिसपुर), रतन लाल नाथ (मोहनपुर), राम प्रसाद पॉल (सूर्यमणिनगर), विधानसभा अध्यक्ष रतन चक्रवर्ती (खैरपुर), उपाध्यक्ष बिस्वा बंधु सेन (धर्मनगर), वरिष्ठ भाजपा नेता सुरजीत दत्ता (रामनगर) राज्य विधानसभा के लिए भी फिर से चुने गए हैं। हालांकि, भाजपा के दो मौजूदा विधायक दिलीप दास (बड़जाला) और कृष्णधन दास (बमुटिया) माकपा उम्मीदवारों के खिलाफ हार गए। सीपीआई-एम ने प्रतापगढ़, खोवाई, कदमतला-कुर्ति, सबरूम, सोनमुरा, बामुटिया, हृषमुख, जुबराजनगर, बेलोनिया, बॉक्सानागा और बरजाला में 11 सीटें जीतीं। जीतने वाले महत्वपूर्ण सीपीआई-एम उम्मीदवारों में राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी (सबरूम), सुदीप सरकार (बारजाला), दीपंकर सेन (बेलोनिया) और श्यामल चक्रवर्ती (सोनमुरा) शामिल हैं।
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कांग्रेस उम्मीदवार सुदीप रॉय बर्मन, गोपाल चंद्र रॉय और राज्य कांग्रेस प्रमुख बिरजीत सिन्हा क्रमश: अगरतला, बनमालीपुर और कैलाशहर से फिर से चुने गए हैं। जीत हासिल करने वाले महत्वपूर्ण टीएमपी उम्मीदवारों में चित्त रंजन देबबर्मा (अंबासा), पठान लाल जमातिया (आम्पीनगर), अनिमेष देबबर्मा (अशारम्बरी) और पॉल डंगशु (करमचारा) हैं।
16 फरवरी को 28.14 लाख मतदाताओं में से 89.95 प्रतिशत ने 31 महिलाओं सहित 259 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।