नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनावों के दौरान हुई हिंसा को लेकर बनाई गई फैक्ट फाइंडिंग कमिटी ने अपनी रिपोर्ट जारी कर दी है। यह कमिटी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बनाई थी। कमिटी में बीजेपी के लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को कन्वेनर बनाया गया था जबकि सांसद सत्यपाल सिंह, रेखा वर्मा, बृजलाल और राजदीप रॉय इसके सदस्य थे। बता दें कि सत्यपाल सिंह और बृजलाल पुलिस के शीर्ष और जाने-माने अफसरों में शुमार रहे हैं।
'हम लोगों को कई जगह रोका गया'
बंगाल के हालात पर बात करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'हम लोगों ने बंगाल में करीब 2 हजार किलोमीटर का दौरा किया। ममता बनर्जी की सरकार में हमने विकृत लोकतंत्र देखा। हमें राज्य में कई जगह रोका गया। हमारी रिपोर्ट के पांच मूल बिंदु है, 1) नॉमिनेशन नहीं करने देंगे, 2) नॉमिनेशन कर लिया तो प्रचार नहीं करने देंगे, 3) अगर प्रचार किया तो आपके लोगों को किडनैप कर लेंगे, 4) आपके ऊपर बम फेंकेंगे, और 5) अगर जीत गए तो आपको सर्टिफिकेट नहीं देंगे।' रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम उन लोगों से मिले जिन्हें बुरी तरह पीटा गया था, और उन लोगों से मिलना पीड़ादायक था।
‘बम विस्फोटों की NIA जांच होनी चाहिए’
रविशंकर प्रसाद ने मीडिया से बात करते हुए आगे कहा, ‘हम सबको 200 से 300 महिलाओं ने एक जगह घेर लिया ओर विनती की कि हमारी जान बचा लो क्यूंकि तृणमूल कांग्रेस अब खेला होबे कर रही है। अगर ईमानदारी से चुनाव हुआ होता तो बीजेपी यह ग्राम पंचायत चुनाव जीत जाती। हम मांग करते हैं कि जितने भी बम विस्फोट के मामले हैं उनकी जांच NIA से होनी चाहिए।’ बता दें कि पश्चिम बंगाल में हाल में हुए पंचायत चुनावों के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी जिसमें कई लोगों की जान गई थी। बंगाल के विभिन्न राजनीतिक दल एक दूसरे को इस हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराते रहे हैं।