बेंगलुरु: पिछले कुछ समय से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (सेक्युलर) गठबंधन के रास्ते पर बढ़ रहे हैं। हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस सुप्रीमो एच.डी. देवेगौड़ा ने शुक्रवार को यह साफ कर दिया कि बीजेपी और उनकी पार्टी ने हाथ नहीं मिलाया है। उन्होंने कहा कि यह मानना गलत है कि दोनों दलों ने गठबंधन कर लिया है। गुरुवार की रात बेंगलुरू में एक निजी समारोह को संबोधित करते हुए देवेगौड़ा ने कहा कि बीजेपी ने उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी द्वारा उठाए गए मुद्दे को लिया है।
जानें, पूर्व पीएम देवेगौड़ा ने क्या कहा
देवेगौड़ा ने कहा, ‘चन्नापटना में, कुमारस्वामी ने राजनेताओं के स्वागत के लिए आईएएस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की निंदा की। बाद में उन्होंने इस बारे में ट्वीट भी किया था। इस मुद्दे पर बीजेपी ने विरोध भी जताया था। इसे लेकर गठबंधन की कहानी नहीं बनानी चाहिए। बीजेपी के पास ज्यादा विधायक हैं और इसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती। कुमारस्वामी के ट्वीट के बाद बीजेपी ने मोर्चा संभाल लिया, तो वह विरोध में शामिल हो गए।’ उन्होंने कहा कि इसे लेकर कुमारस्वामी और बीजेपी का कोई और रिश्ता न बनाया जाए।
दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की अफवाह
बता दें कि देवेगौड़ा का स्पष्टीकरण दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की अफवाहों के बीच आया है, साथ ही कुमारस्वामी के विपक्ष के नेता बनने की अफवाहें भी फैल रही हैं। मई में विधानसभा चुनावों में हार के बाद बीजेपी ने अभी तक कर्नाटक में विपक्ष के नेता के साथ-साथ पार्टी अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी जेडीएस के साथ संबंध बनाने को इच्छुक है, लेकिन कुमारस्वामी को अपनी कमान देने को तैयार नहीं है।
कुमारस्वामी ने बीजेपी का किया था समर्थन
कुमारस्वामी ने हाल ही में राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार के खिलाफ विरोध में बीजेपी का समर्थन किया था। उन्होंने कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात की थी और निजी राजनीतिक कार्यक्रमों में आईएएस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति के साथ-साथ अभी जारी विधानसभा सत्र से भगवा पार्टी के 10 विधायकों के निलंबन पर शिकायत सौंपी थी।