अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार है। सोमवार को मंदिर के गर्भ गृह में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। केवल अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरे देश और दुनिया में इस कार्यक्रम को लेकर उत्साह बना हुआ है। हालांकि, दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु में भाजपा नेताओं ने स्टालिन सरकार पर बड़े आरोप लगाए हैं। भाजपा ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने कथित तौर पर राज्य भर के मंदिरों में अयोध्या में भगवान राम की "प्राण प्रतिष्ठा" के सीधे प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस पूरे मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया है।
क्या है आरोप?
प्राण प्रतिष्ठा के सीधे प्रसारण पर प्रतिबंध के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया है कि तमिलनाडु सरकार ने प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर सभी प्रकार की पूजा, अर्चना और अन्नदानम (गरीब भोजन) भजनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य सरकार द्वारा पुलिस अधिकारियों के माध्यम से शक्ति का ऐसा मनमाना प्रयोग संविधान के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
तमिलनाडु सरकार ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले पर तमिलनाडु सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया है। हालांकि, तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है और आज अयोध्या में भगवान राम की "प्राण प्रतिष्ठा" के अवसर पर पूजा, अर्चना, अन्नधनस्म, भजनों के सीधे प्रसारण पर कोई प्रतिबंध नहीं है और याचिका सिर्फ राजनीति से प्रेरित है। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से कहा है कि प्रसारण की अनुमति को केवल इस आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता कि इलाके में अन्य समुदाय रह रहे हैं। यह एक समरूप समाज है, इसे केवल इस आधार पर न रोकें।
निर्मला सीतारमण ने किया बड़ा दावा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरोप लगाया है कि तमिलनाडु सरकार ने 22 जनवरी 2024 को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रमों के लाइव प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा है कि तमिलनाडु में प्रभु श्री राम के 200 से ज़्यादा मंदिर हैं। HR&CE द्वारा प्रबंधित मंदिरों में श्री राम के नाम पर किसी भी प्रकार की पूजा, भजन, कीर्तन, प्रसादम एवं अन्नदान की अनुमति नहीं है। वहीं, सोमवार को सीतरमण ने बताया कि कांचीपुरम जिले में, माननीय प्रधानमंत्री जी के अयोध्या से सीधे प्रसारण के लिए 466 LED स्क्रीन की व्यवस्था की गई थी। इनमें से 400 से अधिक स्थानों पर पुलिस ने प्रसारण को रोकने के लिए या तो स्क्रीन जब्त कर ली है या पुलिस बल तैनाती कर दी है। LED आपूर्तिकर्ता डर के मारे भाग रहे हैं। हिंदू विरोधी DMK छोटे व्यवसायों पर प्रहार कर रही है।
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