Highlights
- टिकट कटने को लेकर कोई नाराजगी नहीं: आरसीपी सिंह
- मंत्री बनने के बाद बीजेपी के करीब होने का भी लगा आरोप
- 'पीएम के लिए 273 चाहिए और बिहार में अभी 16 सीटें हैं'
Bihar Politics, RCP Singh on CM Nitish Kumar: राज्यसभा का टिकट कटने के बाद सोमवार को मीडिया के सामने आए केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने जो कुछ भी कहा उससे इस बात का संकेत मिल गया कि आने वाले दिनों में उनकी राजनीति किस तरफ जाएगी। आरसीपी सिंह ने टिकट कटने को लेकर भले ही यह कहा कि उनकी कोई नाराजगी नहीं है और नीतीश कुमार व ललन सिंह दोनों से उनके संबंध अच्छे हैं, लेकिन इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने नीतीश कुमार की लाइन से अलग और बीजेपी के स्टैंड को समर्थन देने वाली कई बातें कहीं।
केंद्रीय मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो कुछ भी कहा उससे इस बात का इशारा मिलता है कि मंत्री पद से हटने के बाद वे चुप नहीं बैठेंगे और जेडीयू में रहते हुए ऐसी बातें खुलकर कहेंगे जो नीतीश बनाम बीजेपी की लड़ाई में अब तक बीजेपी के नेता कहते रहे हैं। आरसीपी पर केंद्र में मंत्री बनने के बाद जेडीयू से ज्यादा बीजेपी के करीब होने का आरोप भी लगता रहा है, ऐसे में वे अब बीजेपी के साथ खड़े दिखकर जहां एक तरफ नीतीश कुमार के लिए मुश्किलें खड़ी करेंगे, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की सहानुभूति भी हासिल करेंगे।
... तो बीजेपी बिहार में आरसीपी का साथ ले सकती है
यदि नीतीश कुमार भविष्य में फिर से बीजेपी का साथ छोड़ते हैं, तो ऐसे में पार्टी बिहार में आरसीपी का साथ ले सकती है। बिहार के सियासी गलियारे में पिछले कुछ महीनों से इस बात की चर्चा खूब हो रही है कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए का साथ छोड़कर लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के सामने विपक्ष का चेहरा बनने की कोशिश करेंगे। इन चर्चाओं को लेकर आरसीपी सिंह ने दो टूक कहा, "समस्या इसी को लेकर है। पीएम के लिए 273 चाहिए और बिहार में हम लोगों ने अधिकतम 20 सीटें जीती हैं और अभी 16 हैं। ऐसे में ये कैसे हो सकता है। थर्ड फ्रंट में कोई दम नहीं है। देवगौड़ा बने भी थे, तो कितने दिन के लिए?"
नीतीश कुमार को पीएम मटेरियल बताने वाले जेडीयू नेताओं को भी आरसीपी सिंह ने साफ कह दिया कि कुछ लोगों का काम ही सिर्फ होता है कि कैसे झगड़ा लगाया जाए। उन्होंने आज मोदी कैबिनेट में जेडीयू को सिर्फ एक सीट दिए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके नीतीश कुमार के उस तर्क पर भी सवाल खड़ा कर दिया जिसके आधार पर नीतीश कुमार ने 2019 में मंत्रिमंडल में जेडीयू की भागीदारी से इनकार कर दिया था। केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार के समय नीतीश कुमार ने जेडीयू की सांकेतिक भागीदारी की जगह आनुपातिक प्रतिनिधित्व की बात रखी थी, लेकिन आज आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार से बिल्कुल अलग बात कही।
पार्टी के प्रकोष्ठ की संख्या 33 से घटाकर हुई 13
आरसीपी सिंह ने कहा कि 303 सीटें जीतने के बाद भी यदि बीजेपी ने मंत्रिमंडल में एक जगह भी दी, तो यह उनकी सदाशयता है, उदारता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने बुलाया यही अपने आप में बड़ी बात है। आरसीपी सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के उस फैसले पर भी सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने पार्टी के प्रकोष्ठ की संख्या को 33 से घटाकर 13 कर दिया। केंद्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए प्रकोष्ठ की संख्या बढ़ाई थी, लेकिन जब ललन सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष बने, तो उन्होंने इस फैसले को पलट दिया।
आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरसीपी सिंह ने यह भी साफ कर दिया कि जेडीयू में रहते हुए वे उनके खिलाफ अभियान चलाने वाले ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ चुप नहीं बैठेंगे। जातीय जनगणना को लेकर भी आरसीपी सिंह की राय नीतीश कुमार से बिल्कुल अलग है। आरसीपी जातीय जनगणना के पक्ष में केंद्र सरकार के फैसले के साथ हैं। ऐसे में ये तय माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में आरसीपी सिंह जेडीयू से दूर और बीजेपी के और करीब जाते दिखेंगे।