नई दिल्ली: बिहार की राजनीति और सरकार के लिए 12 फरवरी का दिन बेहद ही खास रहने वाला है। विधानसभा में नीतीश कुमार की एनडीए सरकार का इस दिन फ्लोर टेस्ट होना है। नीतीश सरकार अगर इस दिन बहुमत साबित करने में नाकाम रहती है तो एक बार फिर से भूचाल आएगा। हालांकि माना जा रहा है कि सरकार को बहुमत मिल जाएगा। नीतीश सरकार के पास बहुमत से ज्यादा 6 विधायक हैं, लेकिन तेजस्वी यादव के 'खेला अभी बाकी है' बयान के बाद कई कयास लगाए जा रहे हैं।
कांग्रेस आलाकमान को विधायकों के टूटने की आशंका
वहीं इसी बीच कांग्रेस आलाकमान को अपने विधायकों के टूटने की आशंका है। इसी बाबत शनिवार को दिल्ली में प्रदेश के कांग्रेस विधायकों की एक बैठक हुई। इस बैठक में 19 विधायकों में से 17 विधायक शामिल हुए। अनुपस्थित दो विधायकों में से एक विधायक के बेटे की तबियत खराब है और एक खुद बीमार बताये जा रहे हैं। कांग्रेस आलाकमान को आशंका है कि विधायक पार्टी तोड़कर अलग गुट बना सकते हैं इसलिए इन्हें टूर पर भेजने का प्लान बनाया जा रहा है।
दिल्ली में हैं कई विधायक
सूत्रों के अनुसार, झारखंड के विधायकों की तरह बिहार के भी कांग्रेस विधायकों को किसी कांग्रेस शासित राज्य में भेजा जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी के र एमएलसी भी दिल्ली में जमे हुए हैं। इस समय ज्यादातर विधायक दिल्ली स्थित बिहार निवास में ठहरे हुए हैं। वहीं राज्य के दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा भी दिल्ली आये हुए हैं। दोनों नेता पार्टी आलाकमान के नेताओं से मुलाकात करेंगे।
सूत्रों के अनुसार, आलाकमान सोमवार को अपने सभी विधायकों को हैदराबाद या बेंगलुरु भेज सकता है। शनिवार को दिल्ली में हुई मीटिंग में नदारद रहे बिक्रम से विधायक सिद्धार्थ सौरभ पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ संपर्क में हैं और वह भी दिल्ली पहुंच रहे हैं। इसके अलावा मनिहारी से विधायक मनोहर प्रसाद सिंह की तबियत ख़राब है लेकिन वह भी आलाकमान के संपर्क में हैं।