बिहार में वैसे तो विधानसभा चुनाव अगले साल यानी 2025 में होने वाले हैं, लेकिन उससे पहले सियासी तैयारियां जारी हैं। इसमें से एक राराजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर का बिहार में चल रहा जमीनी स्तर का अभियान, जन सुराज है दो अक्टूबर को एक औपचारिक राजनीतिक दल के रूप में विकसित होने के लिए तैयार है। इसके बाद यह जन सुराज पार्टी हो जाएगी। इसकी नींव रखने के लिए, जन सुराज ने आठ राज्य-स्तरीय बैठकों की एक श्रृंखला निर्धारित की है। अगले कुछ हफ्तों में बुलाई जाने वाली ये बैठकें पूरे बिहार से अभियान से जुड़े 1.5 लाख से अधिक अधिकारियों को इकट्ठा करेगी।
जन सुराज से जुड़े तीन बड़े चेहरे
इन बैठकों का प्राथमिक एजेंडा नई पार्टी के गठन की प्रक्रिया को अंतिम रूप देना होगा, जिसमें इसके नेतृत्व ढांचे की स्थापना, इसके संविधान का मसौदा तैयार करना और पार्टी की प्राथमिकताएं तय करना शामिल है। इसके लिए आज पटना में जिला और ब्लॉक स्तर के पदाधिकारियों की बैठक हुई। इस बैठक में जन सुराज से तीन और नाम जुड़ गए हैं जिसमें कर्पूरी ठाकुर की पोती डॉक्टर जागृति, बक्सर से पूर्व लोकसभा प्रत्याशी आनंद मिश्रा और पूर्व राजद विधान पार्षद रामबली सिंह चंद्रवंशी शामिल हैं।
दो अक्टूबर को राजनीतिक पार्टी बन जाएगी जन सुराज
बिहार में परिवर्तन लाने की दृष्टि से शुरू किए गए जन सुराज अभियान में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार जैसे प्रमुख मुद्दों को लेकर जमीनी स्तर पर जनता के साथ जुड़ने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। पार्टी की लॉन्च तिथि 2 अक्टूबर प्रतीकात्मक महत्व रखती है क्योंकि यह महात्मा गांधी की जयंती है, जो जमीनी स्तर पर सक्रियता और राजनीतिक सुधार का पर्याय हैं।
बिहार में इस बार मचेगा चुनावी घमासान
पार्टी के गठन के साथ, जन सुराज का लक्ष्य 2025 का विधानसभा चुनाव ऐसे समय में लड़ना है जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बड़े पैमाने पर सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहे हैं और राजद नेता तेजस्वी यादव अपनी परंपरा मुस्लिम-यादव वोट बैंक से आगे जाने में असमर्थ हैं। इस महीने की शुरुआत में, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने जन सुराज अभियान से जुड़ने के खिलाफ अपने कार्यकर्ताओं को चेतावनी देते हुए एक परिपत्र जारी किया था।
पत्र का एक स्क्रीनशॉट जन सुराज ने अपने एक्स हैंडल पर इस टिप्पणी के साथ साझा किया था कि "राजद, जो बिहार की सबसे मजबूत राजनीतिक पार्टी होने का दावा करती है, केवल इस घोषणा से घबरा गई है कि जन सुराज एक राजनीतिक पार्टी बन जाएगी"।