Saturday, December 21, 2024
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समान नागरिक संहिता पर बड़ा अपडेट, केंद्रीय विधि आयोग ने लिया ये बड़ा फैसला

मुस्लिम संगठन जमीअत उलमा-ए-हिंदजमीयत सभी पार्टियों के सांसदों के साथ एक मीटिंग करेगी। इसके साथ ही जमीयत सभी राज्यों के सीएम को खत लिखकर यूसीसी का विरोध करने के लिए भी कहेगी।

Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published : Jul 14, 2023 19:58 IST, Updated : Jul 14, 2023 20:08 IST
UCC
Image Source : FILE समान नागरिक सहिंता

नई दिल्ली: देशभर में इस समय समान नागरिक संहिता को लेकर चर्चा चल रही है। UCC को लेकर विधि आयोग ने देशभर लोगों ने सुझाव मांगे थे। इसके लिए शुक्रवार 14 जुलाई आखिरी दिन था। इस तारीख तक लोगों को अपनी राय और आपत्ति आयोग के पास भेजनी थीं। हालांकि अब आयोग ने इसे 2 हफ़्तों के लिए और बढ़ा दिया है। आयोग अब 28 जुलाई तक सुझाव लेगा। 

UCC का विरोध कर रहा है जमीअत उलमा-ए-हिंद

वहीं इससे पहले 10 जुलाई को जमीअत उलमा-ए-हिंद की वर्किंग कमेटी की एक बैठक संगठन के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी की अध्यक्षता में नई दिल्ली स्थित जमीअत मुख्यालय में हुई। इस बैठक में विशेष रूप से समान नागरिक संहिता पर चर्चा हुई और मुस्लिम पारिवारिक कानूनों के समक्ष आने वाली चुनौती का सामना करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बैठक में विधि आयोग को दिए जाने वाले जवाब का एक विस्तृत मसौदा भी पेश किया जिसमें कई तर्कों द्वारा यह साबित किया गया है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ एक्ट महिलाओं के अधिकारों का वाहक और संरक्षक है, अगर इसे निरस्त कर दिया गया तो महिलाओं को मिले बहुत से अधिकार और छूट खत्म हो जाएंगी। 

'यूसीसी द्वारा विशेष रूप से मुस्लिम पर्सनल लॉ को निशाना बनाया जा रहा' 

इस बैठक में जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने कहा कि जमीअत उलमा-ए-हिंद ने मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीअत एप्लीकेशन एक्ट 1937) के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जैसा कि इस अधिनियम की प्रस्तावना में उल्लेखित किया गया है। वर्तमान समय में यूसीसी द्वारा विशेष रूप से मुस्लिम पर्सनल लॉ को निशाना बनाया जा रहा है, जो हमें बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है और हम ऐसे किसी भी प्रयास की कड़ी निंदा करते हैं। मौलाना मदनी ने कहा कि यह मामला मुस्लिम अल्पसंख्यक की पहचान से जुड़ा है, देश के संविधान ने अनेकता में एकता को केंद्रीय भूमिका में रखा है, इसलिए यदि किसी एक की पहचान को मिटाने का प्रयास किया गया तो यह देश की गौरवपूर्ण पहचान को मिटाने के समान होगा। 

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