Thursday, November 21, 2024
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महाराष्ट्र की सियासत में फिर बड़ी हलचल, नाराज हुए अजित पवार, अमित शाह से मिलेंगे शिंदे-फडणवीस

महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर गर्मी बढ़ गई है। एक बार फिर अजित पवार के नाम की चर्चा तेज है। वह अपने फैसलों की वजह से ही जाने जाते हैं और कहा जा रहा है कि वह नाराज हैं। वजह जानने के लिए पढ़ें ये खबर...

Reported By : Sameer Bhaudas Bhise, Piyush Mishra Edited By : Rituraj Tripathi Updated on: October 04, 2023 6:21 IST
Ajit Pawar- India TV Hindi
Image Source : PTI/FILE अजित पवार हुए नाराज

नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर हलचल हो रही है। खबर है कि डिप्टी सीएम अजित पवार नाराज हो गए हैं। वहीं सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के साथ मीटिंग हो रही है। मिली जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार पर और राज्य के हालात पर ये चर्चा होगी और एकनाथ शिंदे गुट की विधानसभा अध्यक्ष के सामने सुनवाई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी डिस्क्वालीफिकेशन पर विधानसभा अध्यक्ष को दो हफ्ते का वक्त दिया है।

अजित पवार की गैरमौजूदगी के सियासी मायने?

अजित पवार की कैबिनेट मीटिंग में गैरमौजूदगी से महारष्ट्र की राजनीति में फिर से किसी नए समीकरण की ओर इशारा दिख रहा है। अपने समय और काम के पाबंद अजित पवार के आज मंत्रिमंडल की बैठक में गैर मौजूदगी ने कई सवाल खड़े किए हैं। अपने राजनीतिक और मंत्रिपद के कार्यकाल में शायद ही अजित पवार मुंबई में होने के बाद भी गैरमौजूद रहे हों। आज कैबिनेट की मीटिंग में सबसे पहली चर्चा नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में 24 मौतों पर हुई, जो एक ही दिन में दर्ज की गईं थीं। इन मौतों से सरकारी अस्पताल की बदइंतजामी फिर एक बार सामने आई है।

गौरतलब है कि यह अस्पताल मेडिकल एजुकेशन के अंतर्गत आता है और इस विभाग के मंत्री हसन मुशरिफ हैं। हसन मुशरिफ अजित पवार गुट के हैं। दवाइयां उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की है, जिसके मंत्री तानाजी सावंत हैं। तानाजी सावंत एकनाथ शिंदे गुट के मंत्री हैं। मौत की वजह आवश्यक दवाइयों का अभाव है या फिर डॉक्टर, नर्स का मौजूद ना होना या और कुछ है, इस सबकी जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। जल्द ही रिपोर्ट पेश करने के आदेश मुख्यमंत्री ने दिए हैं।

कुछ महीने पहले जब ठाणे के अस्पताल में एक ही दिन में 18 मरीजों की मौत का मामला सामने आया था, तब राष्ट्रवादी कांग्रेस शरद पवार गुट के विधायक जितेंद आव्हाड़ ने सीएम एकनाथ शिंदे पर सवाल उठाए थे।

सूत्र बताते हैं कि अजित पवार ने कैबिनेट की मीटिंग में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से पूछा था कि आपके ठाणे शहर के अस्पताल में क्या चल रहा है। इस पर एकनाथ शिंदे ने हंसकर टाल दिया था। उस वक्त मौजूद देवेंद्र फडणवीस भी बीच बचाव कर बहस को दूसरी दिशा में ले गए थे। लेकिन इस विवाद का असर यह हुआ कि अजित पवार और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच कोल्ड वॉर की शुरुआत हो गई।

कुछ ही दिनों में हो सकता है मंत्रिमंडल का विस्तार

सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल का तीसरा विस्तार अभी कुछ ही दिनों में हो सकता है। अभी 14 मंत्री पद बाकी हैं। जिसमें अजित पवार मांग कर रहे हैं कि उनके गुट को एक कैबिनेट और 2 राज्यमंत्री के पद दिए जाएं। वहीं अजित पवार पुणे का गार्जियन मिनिस्टर पद मांग रहे हैं। वहां बीजेपी के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत दादा पाटिल गार्जियन मिनिस्टर हैं। गौरतलब है कि अजित पवार की प्रशासन पर पकड़ है। कई वर्षों तक मंत्री बने रहने और कई मंत्रालयों में काम करने का गाढ़ा अनुभव है।

कहा जाता है कि मौजूदा सरकार में भले ही मुख्यमंत्री के पद पर एकनाथ शिंदे हों लेकिन सरकार के अहम निर्णय उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की रजामंदी के पूरे नहीं होते। अब जबकि अजित पवार भी सरकार का हिस्सा हैं और वित्त मंत्रालय उनके पास होने की वजह से अजित पवार हर एक विभाग में अपना हस्तक्षेप रखते हैं। अजित पवार ने हालही में बारामती दौरे पर कहा था कि आज उनके पास वित्त मंत्री पद है। वे सरकार में हैं। कल होंगे या नहीं, पता नहीं। कल किसने देखा है।

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