कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा के मौजूदा सांसद बृज भूषण सिंह को इस बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया है। उनकी जगह भाजपा ने उनके बेटे करण भूषण सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था जिसपर विवाद ने तूल पकड़ लिया था। इस महीने की शुरुआत में दिल्ली की एक अदालत ने आदेश दिया था कि उनके खिलाफ आरोप लगाए जाएं।
बृजभूषण के कैसरगंज से हटाने और उनके बेटे करण भूषण सिंह को टिकट देने के बाद, सबसे बड़ा सवाल है कि क्या भारतीय जनता पार्टी बृजभूषण का परिवार कैसरगंज सीट को बरकरार रख पाएगी। कैसरगंज सीट पर पांचवें चरण में 20 मई को वोट डाले जाएंगे। इसमें पांच विधानसभा सीटें शामिल हैं, जिनमें पयागपुर, कैसरगंज, कटरा बाजार, कर्नलगंज और तरबगंज शामिल हैं।
बृजभूषण ने कहा है...मैं ना बूढ़ा हुआ हूं और ना
कैसरगंज से भाजपा सांसद ने कैसरगंज में एक रैली के दौरान कहा है कि वचन देता हूं कि मैं न तो बूढा हुआ हूं, न रिटायर हुआ हूं। अब तो मैं छुट्टा सांड हो गया हूं, अब तो आपके लिए किसी से भी भिड़ सकता हूं। पहले जितना आपके बीच में रहता था, उससे दोगुना आपके बीच में रहूंगा। आपके सुख दुख में शामिल होऊंगा और दोगुनी ताकत के साथ काम करूंगा।
बृज भूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार राम भगत मिश्रा के खिलाफ कैसरगंज सीट से चुनावी मैदान में हैं, जो श्रावस्ती जिला पंचायत अध्यक्ष और श्रावस्ती के पूर्व भाजपा सांसद दद्दन मिश्रा के बड़े भाई हैं, जबकि बहुजन समाज पार्टी ने नरेंद्र पांडे को मैदान में उतारा है।
करण भूषण सिंह बचा पाएंगे पिता की विरासत
सिंह के छोटे बेटे करण इस सीट पर परिवार की पकड़ मजबूत बनाए रखना चाहेंगे, उनके पिता बृजभूषण छह बार वहां से जीत चुके हैं, जबकि उनकी मां केतकी भी गोंडा से पूर्व सांसद थीं। बृजभूषण के बड़े बेटे प्रतीक भी गोंडा से दो बार विधायक रहे।
2019 के चुनाव में बृजभूषण सिंह को 5,81,358 वोट मिले और उन्होंने बसपा उम्मीदवार 3,19,757 को हराया। ठाकुर ने कहा कि उनके बेटे करण भूषण सिंह ने कैसरगंज और आसपास के जिलों में महत्वपूर्ण समर्थन हासिल किया है। पार्टी की ओर से घोषणा से पहले बृजभूषण को भरोसा था कि बीजेपी उन्हें इस सीट से दोबारा टिकट देगी. उन्होंने कहा कि 99.9 फीसदी संभावना है कि वह इस सीट से चुनाव लड़ेंगे।
बृजभूषण ने कहा कि "मैं अभी प्रत्याशी नहीं हूं. लेकिन कैसरगंज लोकसभा सीट पर बीजेपी का कोई मुकाबला नहीं है। पिछली बार 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हुई थी, इस बार कार्यकर्ताओं ने 5 लाख वोट का नारा दिया है। भगवान ने यह तय कर दिया है, मैं क्या कर सकता हूं?”
(इनपुट-एएनआई)