अगरतला: त्रिपुरा में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और इस बीच भारतीय जनता पार्टी को झटके पर झटका लग रहा है। बुधवार को पार्टी के विधायक दीबचंद्र हरंगखवाल ने त्रिपुरा विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। इस साल राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन से इस्तीफा देने वाले वह 7वें विधायक बन गए हैं। बता दें कि हरंगखवाल धलाई के करमछेड़ा से आदिवासी विधायक हैं और उन्होंने इस्तीफे की वजह निजी कारण बताया। उन्होंने यह कदम विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले उठाया है।
‘मैंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है’
इस्तीफा देने के बाद हरंगखवाल ने कहा, ‘मैंने विधायक पद से इस्तीफा विधानसभा सचिव को सौंप दिया है क्योंकि विधानसभाध्यक्ष रत्न चक्रवर्ती मौजूद नहीं थे। मैंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है।’ हरंगखवाल पहले त्रिपुरा कांग्रेस के अध्यक्ष थे और 2018 में हुए विधानसभा चुनावों से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा, ‘मुझे अगले कदम को लेकर फैसला करना है, लेकिन निश्चित तौर पर मैं राजनीति में रहूंगा क्योंकि मैं राजनीतिक व्यक्ति हूं।’ हरंगखवाल राज्य में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आशीष कुमार साहा के साथ विधानसभा पहुंचे थे।
अब तक 7 विधायक दे चुके हैं इस्तीफा
बता दें कि साहा ने इस साल की शुरुआत में बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही बीजेपी ने इस साल अपने 4 विधायक खो दिए हैं। साहा के अलावा सुदीप रॉय बर्मन और बुरबो मोहन ने भी इस साल विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। सुरमा से विधायक आशीष दास विधानसभा सदस्य के लिए अयोग्य करार दिए गए थे। वहीं, सरकार में बीजेपी की साझेदार इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) के 3 विधायकों धनंजय त्रिपुरा, बृषकेतु देबबर्मा और मावेर कुमार जामतिया ने भी इस्तीफा दे दिया था।
‘उनके इस्तीफे का कोई असर नहीं होगा’
हरंगखवाल के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी के प्रवक्ता सुब्रता चक्रवर्ती ने बताया कि हरंगखवाल लंबे समय से बीमार हैं और अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने कहा, ‘इसका असर विधानसभा चुनाव में पार्टी की संभावनाओं पर नहीं पड़ेगा।’ बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की थी और लंबे समय से त्रिपुरा में चली आ रही वाम सरकार को उखाड़ फेंका था। (भाषा)