नई दिल्ली: कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में 89 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है जबकि एक सीट CPM को दी है। पार्टी ने विधानसभा चुनाव में अपने सभी मौजूदा विधायकों को टिकट दिया यानी कि एक भी सिटिंग विधायक का टिकट नहीं कटा। जहां तक टिकट बंटवारे का सवाल है, तो इसमें साफतौर पर हुड्डा कैंप का दबदबा नजर आ रहा है। वहीं, लोकसभा सांसद कुमारी शैलजा और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला को पार्टी ने विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया। ये दोनों नेता भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जाते हैं, हालांकि पार्टी की तरफ से कहा गया है कि सीएम बनने के लिए चुनाव लड़ना अनिवार्य नहीं है।
पार्टी ने सुरजेवाला के बेटे को दिया टिकट
कांग्रेस ने पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला के बेटे आदित्य सुरजेवाला को कैथल से उम्मीदवार बनाया है। हाल ही में बीजेपी से कांग्रेस वापिस लौटे चौधरी बिरेंद्र सिंह के बेटे बिजेंद्र सिंह को पार्टी ने उचाना से टिकट दिया है। लोकसभा सांसद जयप्रकाश के बेटे विकास सहारण को कलायत से मैदान में उतारा गया है। सूत्रों के मुताबिक, कुमारी शैलजा अपने भतीजे को उकलाना सीट से टिकट दिलवाना चाहती थी लेकिन पार्टी ने नरेश सेलवाल को इस सीट से टिकट दिया।
शैलजा के खेमे से 7 उम्मीदवारों को टिकट
सूत्रों के मुताबिक, हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए कुमारी शैलजा के खेमे के 7 उम्मीदवारों को टिकट मिला, जिसमें 4 सिटिंग विधायक हैं और 3 नए चेहरे हैं। वहीं, सुरजेवाला के खेमे से 2 टिकट दिए गए, जिसमें एक सीट उनके बेटे आदित्य सुरजेवाला हैं और दूसरी नरवाना से सतबीर दुबलैन।
राहुल की इच्छा के बावजूद नहीं हो पाया गठबंधन
राहुल गांधी ने कांग्रेस की CEC बैठक में कहा था कि कांग्रेस को AAP के साथ अलायंस करना चाइए, लेकिन सूत्रों के मुताबिक भूपेंद्र सिंह हुड्डा इसके पक्ष में नही थे। कांग्रेस और AAP के बीच में अलायंस को लेकर कई राउंड की बातचीत हुई लेकिन गठबंधन नही हो पाया क्योंकि दोनों दलों में सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पाई। हरियाणा में कांग्रेस ने भिवानी सीट वाम दल को देने का फैसला लिया है।
AAP ने भी सभी 90 सीटों पर उतारे प्रत्याशी
वहीं, आम आदमी पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को अपनी छठी लिस्ट में 19 और उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करने के बाद सातवीं लिस्ट में एक और उम्मीदवार के नाम की घोषणा की। इस तरह पार्टी ने हरियाणा में सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। इसी के साथ AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन की उम्मीदें खत्म हो गई थीं। पार्टी इस बार पूरी मजबूती से चुनाव लड़ रही है और उसकी कोशिश है कि हरियाणा में भी अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई जाए।