काशी और मथुरा में मंदिर-मस्जिद को लेकर जारी लड़ाई अदालत तक पहुंच गई है। इसी मामले का हवाला देते हुए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ और विवादों में घिरे रहने वाले नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने रविवार को कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी हर मस्जिद में मंदिर ढूंढेगी तो लोग हर मंदिर में बौद्ध मठ ढूंढने लगेंगे। मौर्या के इस बयान पर यूपी भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा 'सनातन धर्म का बार-बार अपमान करना समाजवादी पार्टी एवं उनके नेताओं की घृणित मानसिकता बन चुकी है। हाल ही में समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा हिंदुओं की आस्था के प्रमुख केंद्र बाबा केदारनाथ, बाबा बद्रीनाथ एवं श्री जगन्नाथ पुरी के बारे में दिया गया बयान न सिर्फ विवादित है बल्कि उनकी ओछी मानसिकता एवं तुच्छ राजनीति को भी दर्शाता है।'
भाजपा ने किया पलटवार
उन्होंने आगे कहा 'उनका (स्वामी प्रसाद मौर्या) यह बयान देश एवं उत्तर प्रदेश के करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने वाला तथा समाज में विद्वेष उत्पन्न करने वाला है, उन्हें अपने इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए एवं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव जी को इस विषय पर अपना मत जनता के सामने स्पष्ट करना चाहिए क्या समाजवादी पार्टी उनके इस बयान से सहमत है?' वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि वे कंग्रेस और उसके सहयोगियों की राष्ट्रविरोधी और धार्मिक विरोधी सोच को दर्शाते हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्या का बयान
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा एक साजिश के तहत मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठा रही है। वे हर मस्जिद में मंदिर ढूंढ रहे हैं। यह उन्हें महंगा पड़ेगा। क्योंकि अगर भाजपा वाले हर मस्जिद में मंदिर ढूंढेंगे तो लोग हर मंदिर में बौद्ध मठ ढूंढने लगेंगे। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या ने आगे कहा कि पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध हैं कि ये सभी मंदिर बौद्ध मठ थे। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि उत्तराखंड का बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर, पुरी का जगन्नाथ मंदिर, केरल का अयप्पा मंदिर इत्यादि सभी 8वीं सदी तक बौद्ध मठ थे। लेकिन इन मठों को ध्वस्त कर वहां फिर से हिंदू मंदिर बना दिए गए।