Bharat Jodo Nyay Yatra : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा फिलहाल अरुणाचल प्रदेश में हैं। उन्होंने इस यात्रा के दौरान अरुणाचल के लोगों को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला। वहीं हिंदी को लेकर भी उन्होंने अपनी बात रखी। राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी की यह मानसिकता है कि पूरा भारत दिल्ली से चले और हिंदी भाषा पूरे देश में फैले जबकि हमारा मानना है कि अरुणाचल प्रदेश की अपनी भाषा है और इस प्रदेश को यहीं से ही चलाना चाहिए न कि दिल्ली से।
मेरे लिए सारे प्रदेश बराबर-राहुल
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान अरुणाचल में अपने संबोधन में कहा-' हिंदुस्तान में बहुत से प्रदेश हैं। कुछ छोटे हैं और कुछ बड़े हैं। लेकिन मेरे लिए सारे प्रदेश बराबर हैं। बीजेपी की विचारधारा है कि हिंदुस्तान को दिल्ली से चलाया जाना चाहिए। हिंदी भाषा पूरे देश में फैलनी चाहिए। सब हिंदुस्तानियों को हिंदी भाषा का प्रयोग करना चाहिए। हमारी विचारधारा है कि हिंदी की जगह है मगर आपकी भाषा की भी जगह है। हिंदुस्तान के इतिहास की जगह है तो अरुणाचल प्रदेश के इतिहास, भाषा और संस्कृति की भी जगह है। आपका जो राज्य है यहीं से चलना चाहिए न कि दिल्ली से।'
मणिपुर से मुंबई तक की यात्रा क्यों शुरू की, राहुल ने बताया
इससे पहले शुक्रवार को राहुल गांधी ने असम के लखीमपुर जिले के गोमुख में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान भी बीजेपी पर तंज कसा था और कांग्रेस के विचारों को लेकर अपनी बात रखी थी। उन्होंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) दिल्ली से ही पूरे देश पर शासन के विचार का समर्थन करते हैं, जबकि कांग्रेस स्थानीय शासन का समर्थन करती है और सभी राज्यों एवं क्षेत्रों को समान महत्व देती है। राहुल ने कहा कि उनकी पार्टी राज्यों पर दिल्ली से शासन किये जाने का समर्थन नहीं करती। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा और आरएसएस का मानना है कि हिन्दुस्तान पर एक भाषा और एक नेता के जरिये दिल्ली से शासन चलाया जाना चाहिए। लेकिन हम इससे असहमत हैं। असम पर शासन दिल्ली से नहीं, बल्कि असम से चलाया जाना चाहिए।’’
राहुल ने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस सभी राज्यों को समान महत्व देती है और इसी कारण उन्होंने पूर्व के मणिपुर से पश्चिम में मुंबई तक की यह यात्रा शुरू की है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने मणिपुर को चुना क्योंकि हम प्रत्येक व्यक्ति को यह संदेश देना चाहते थे कि पूर्वोत्तर राज्य भी अन्य राज्यों की तरह ही महत्वपूर्ण हैं। उनके इतिहास, भाषा और संस्कृति को संरक्षित करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना किसी अन्य स्थान का।’’ उन्होंने पिछले साल मई से लगातार जातीय हिंसा से मणिपुर के प्रभावित रहने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राज्य का दौरा नहीं करने को लेकर उन पर तंज कसा।