Highlights
- वर्ष 2014 के बाद से लगातार कांग्रेस छोड़ रहे पार्टी के दिग्गज नेता
- कांग्रेस पार्टी पर मंडराता जा रहा है अस्तित्व का संकट
- अब तक कई दर्जन बड़े कांग्रेसी नेता छोड़ चुके हैं पार्टी
Congress Leader leaving Party: देश में करीब 60 वर्षों तक सत्ता के शीर्ष पर रही कांग्रेस से एक के बाद दिग्गज नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। इससे पीएम मोदी का कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का नारा सच साबित होता दिख रहा है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कई बार केंद्र में मंत्री रहे वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी अब कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस में सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा और पार्टी बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही है। गुलाम नबी से पहले वर्ष 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद से अब तक दर्जनों कांग्रेसी नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। ज्यादातर नेताओं ने भाजपा का ही दामन थामा है। इससे कांग्रेस पार्टी की लगातार दुर्गति हो रही है। हैरानी की बात तो यह है कि कांग्रेस पार्टी में रहकर लगभग अपनी उम्र गुजार देने वाले दिग्गज कांग्रेसी भी पार्टी को टाटा कर रहे हैं। इससे पार्टी का अस्तित्व लगातार खतरे में पड़ता जा रहा है। साथ ही नेतृत्व पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर कुछ तो वजह है कि एक के बाद एक लगातार वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं का पार्टी से मोह भंग हो रहा है।
आपको बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने ऐसे वक्त में कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहा है जब पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष ढूंढ़ने की कवायद तेजी से चल रही है। इस बीच में अंदर से छन-छन के खबरें आती रही हैं कि एक धड़ा राहुल गांधी को दोबारा पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की कोशिश कर रहा है। कहीं गुलाम के आजाद होने की वजह गांधी परिवार का लगातार पार्टी पर कब्जा बने रहना तो नहीं है। आखिर ऐसा क्या हो गया कि कांग्रेस में इंदिरा, राजीव, संजय और सोनिया गांधी के करीबी रहे गुलाम नबी आजाद ने अचानक पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। पार्टी में कुछ तो गड़बड़ जरूर चल रहा है। गुलाम नबी आजाद कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे प्रमुख जी-23 नेताओं में शामिल थे। वह पहले भी कई बार पार्टी के आलाकमान और नेतृत्व पर सवाल उठा चुके हैं। उनसे पहले किन-किन बड़े दिग्गज कांग्रेसियों ने पार्टी को अलविदा कहा है आइए वह भी आपको बताते हैं।
कपिल सिब्बलः कई बार केंद्र में मंत्री रहे और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील दिग्गज कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल भी अभी कुछ माह पहले ही पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। वह जी-23 ग्रुप के प्रमुख नेताओं में थे।
कैप्टन अमरिंदर सिंहः पंजाब में कई बार कांग्रेस सरकार बनने पर मुख्यमंत्री रहे। राहुल गांधी से विवाद के चलते वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस को पंजाब में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा।
ज्योतिरादित्य सिंधियाः मध्य प्रदेश की सियासत में बड़ा कद रखने वाले और कभी राहुल गांधी के सबसे करीबी रहे कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी वर्ष 2021 में पार्टी में अंदरूनी कलह के चलते भाजपा में शामिल हो चुके हैं। अब वह मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं।
जितिन प्रसादः राहुल गांधी के बेहद करीबी कहे जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे जितिन प्रसाद भी कांग्रेस को अलविदा कह चुके हैं।
आरपीएन सिंहः करीब 32 वर्षों तक कांग्रेस में रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने भी यूपी चुनाव से पहले पार्टी का दामन छोड़ दिया। वह भाजपा में शामिल हो गए। यूपी सरकार में मंत्री हैं।
हिमंत बिस्वा सरमाः कांग्रेस के दिग्गज नेता तरुण गोगोई के सबसे करीबी रहे हिमंत बिस्वा सरमा ने 2015 में कांग्रेस को छोड़ दिया था। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे। वर्तमान में वह भाजपा नीत सरकार में असम के मुख्यमंत्री हैं।
एन बीरेन सिंहः मणिपुर से कांग्रेस विधायक रहे एन बीरेन सिंह ने भी वर्ष 2017 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा में शामिल हो गए। वहां भाजपा सरकार बनने पर मुख्यमंत्री हुए।
पेमा खांडूः अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री रहे पेमा खांडू ने भी भाजपा का दामन थाम लिया। अब वहां भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री हैं।
पीसी चाकोः दिग्गज कांग्रेसी नेता पीसी चाको भी कांग्रेस छोड़कर शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में शामिल हो गए।
जयंती नटराजनः पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ नेता जयंती नटराजन ने वर्ष 2015 में ही कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। उन्होंने राहुल गांधी समेत अन्य कांग्रेसियों पर काफी आरोप भी लगाए थे।
जीके वासनः यूपी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे जीके वासन ने 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद ही कांग्रेस को टाटा कर दिया था। उन्होंने भी कांग्रेस के आलाकमान पर तमिलनाडु की कांग्रेस इकाई की अनदेखी का आरोप मढ़ा था।
टॉम वडक्कनः सोनिया गांधी के बेहद करीबी रहे टॉम वडक्कन ने भी पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। उनका स्टैंड इस मसले पर पार्टी से अलग था।
रंजीत देशमुखः महाराष्ट्र में दिग्गज कांग्रेसियों में गिने जाने वाले रंजीत देशमुख विलासराव सरकार में मंत्री रहे। उन्होंने भी कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया था।
चौधरी वीरेंद्र सिंहः हरियाणा के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता चौधरी वीरेंद्र सिंह ने वर्ष 2014 में ही कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। फिर मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बने।
रीता बहुगुणा जोशीः उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रह चुकीं रीता बहुगुणा जोशी ने वर्ष 2016 में कांग्रेस छोडड़कर भाजपा में शामिल हो गईं। 2017 में योगी सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री भी रहीं। उनके पिता स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा भी दिग्गज कांग्रेसी थे और यूपी के लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे।
उर्मिला मतोंडकरः अभिनेत्री उर्मिला मतोंडकर ने सिर्फ पांच महीने ही कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया था।
लुइजिन्हो फलेरियोः लंबे समय तक कांग्रेस की ओर से गोवा के मुख्यमंत्री रहे। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए।
गोविंददास कौंथोजमः मणिपुर के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष गोविंददास कौंथोजम ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर हाल ही में भाजपा ज्वाइन कर लिया है।
अजय माकनः कांग्रेस पार्टी के दिल्ली के दिग्गज नेता और सीएम चेहरा रहे अजय माकन भी पार्टी को अलविदा कह चुके हैं।
हरक सिंह रावतः उत्तराखंड के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरक सिंह रावत भी कांग्रेस पार्टी छोड़ चुके हैं।
शंकर सिंह वाघेलाः गुजरात के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व मुख्यमंत्री रहे शंकर सिंह वाघेला भी कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं।
अदिति सिंहः पूर्व कांग्रेसी नेता रहे अखिलेश सिंह की पुत्री और रायबरेलवी की सदर सीट से विधायक अदिति सिंह ने वर्ष 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा का दामन थाम लिया था। उन्होंने प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए थे।
इमरान मसूदः यूपी से कांग्रेस के नेता और राहुल गांधी के करीबी इमरान मसूद ने वर्ष 2022 में पार्टी को अलविदा कह दिया।
सुनील जाखड़ः कांग्रेस पंजाब इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़ ने भी पार्टी हाईकमान पर चापलूसों और चुगलखोरों से घिरा होने का आरोप लगाकर इस्तीफा दे दिया था।
हार्दिक पटेलः युवा कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने भी कुछ माह पहले कांग्रेस छोड़ दिया था। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए। पार्टी नेतृत्व और राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा था।
अश्विनी कुमारः पूर्व केंद्रीय मंत्री आश्वनी कुमार करीब 40 वर्ष तक कांग्रेस में रहे। इसके बाद उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इस प्रकार दर्जनों अन्य कांग्रेसी भी पार्टी छोड़ चुके हैं।