असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने नए साल के दिन जानकारी दी है कि असम सरकार निजी मदरसों को बंद करने और उन्हें सामान्य स्कूलों में बदलने के लिए उनके साथ बातचीत करने की कोशिश कर रही है। बता दें कि कुछ ही दिनों पहले भाजपा सरकार ने राज्य के सभी सरकारी मदरसों को बंद कर के उन्हें सामान्य स्कूलों में बदल दिया है। इसके बाद प्राइवेट मदरसों पर भी सीएम के इस एक्शन की चर्चा हो रही है।
संविधान द्वारा संरक्षित हैं निजी मदरसे
सीएम शर्मा ने कहा है कि निजी मदरसों को भारत के संविधान द्वारा संरक्षित किया गया है क्योंकि यह लिखा है कि सरकार अल्पसंख्यक संचालित शैक्षणिक संस्थानों को नहीं छू सकती है। वे आरटीई अधिनियम के तहत भी नहीं आते हैं। हालांकि, उन्होंने बताया कि असम पुलिस और शिक्षा विभाग एक साथ काम कर रहे हैं इसलिए हम कम से कम 1000 निजी मदरसों को कम कर सकते हैं। यह तीन हजार से घटकर दो हजार हो जाएगा और हम निजी मदरसा निकायों के साथ इस पर बातचीत कर रहे हैं।
असमिया मुस्लिमों की होगी पहचान
सीएम शर्मा ने बताया कि असम में पांच अलग-अलग समुदाय हैं जिन्हें असमिया मुस्लिम समुदायों के रूप में जाना जाता है। उन्होंने बताया कि हमने जनगणना को मंजूरी दे दी है और हम उन गांवों का सत्यापन कर रहे हैं जहां असमिया मुस्लिम समुदाय रहते हैं। नगरपालिका क्षेत्रों में वार्ड भी निर्धारित किए जा रहे हैं जहां असमिया मुस्लिम रहते हैं और 2024 के अंत तक इस जनगणना को पूरा कर लिया जाएगा।
दो जिलों से हट सकता है AFSPA
सीएम शर्मा ने कहा कि असम सरकार ने AFSPA को पूरी तरह से हटाने की सिफारिश की है लेकिन सरकार ने हमें सलाह दी है कि हमें थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। सीएम ने कहा कि AFSPA अब केवल चार जिलों तक ही सीमित है और लगता है कि अगली समीक्षा में, हम दो अन्य जिलों से AFSPA वापस ले लेंगे। यह समय की बात है, किसी समय AFSPA को पूरी तरह से वापस ले लिया जाएगा।
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