नई दिल्ली: असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर विवादित बयान देकर लोगों को भड़काने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, 'मैं इतने बरसों से कह रहा हूं कि अपनी मस्जिदों को आबाद रखो, लेकिन कई बोलते हैं कि असदुद्दीन ओवैसी जज्बाती बयान देते हैं। लेकिन हकीकत ये है कि काशी की मस्जिद के हक को हम खो चुके हैं। वहां नमाज नहीं, कुछ और हो रहा है।'
ओवैसी ने और क्या कहा?
ओवैसी ने कहा, 'मथुरा की मस्जिद पर ललचाई नजरें लगाए बैठे हैं। संभल का किस्सा आपके सामने है कि एक ही दिन में 1/2घंटे में ऑर्डर, 1 घंटे में सर्वे और 5 लोगों को शहीद कर दिया जाता है। इससे भी दिल नहीं भरा तो वक्फ की जमीन पर पुलिस थाना बनाया जाता है। ये गैर प्रोटेक्शन ऑफ मॉन्युमेंट कानूनी के खिलाफ भी है।'
ओवैसी ने कहा, 'मैंने संसद में उठाया कि 1962 में चोरी हुई, दंगे हुए और बंगाल के हमारे देश के 8 लाख लोगों को जबरन बांग्लादेश भेज दिया गया। कई लोगों ने मुझसे पूछा कि ऐसा आप कैसे कह सकते है। मैंने सबूत दिखा दिए। 1960 में नेहरू के वक्त असम से 40,000 लोगों को जबरन ईस्ट बंगाल में डाल दिया कि वो पाकिस्तानी हैं। बीजेपी की कामयाबी नफरत की कामयाबी है, मोहब्बत की कामयाबी नहीं है। अपने आप भविष्य में बदलाव नहीं आएगा। अपनी दुआओं में फिलिस्तीनियों को याद करें। अब गाजा में 9 -10 साल के बच्चे नहीं बचे, सब मर चुके हैं।'
गौरतलब है कि हालही में यूपी के संभल में जामा मस्जिद के पास बन रही पुलिस चौकी को लेकर सियासत गरमा गई थी और एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया था कि पुलिस चौकी वक्फ की जमीन पर बन रही है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए ये दावा किया था। सांसद ने मंगलवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- संभल की जामा मस्जिद के पास जो पुलिस चौकी बनाई जा रही है, वह वक्फ की जमीन पर है, जैसा कि रिकॉर्ड में दर्ज है।