राजस्थान में मुस्लिमों पर करवाए गए सर्वे पर आज AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि इस सर्वे में काफी चौंकाने वाली बात भी सामने आई है। राजस्थान में हायर एजुकेशन में मुस्लिम सिर्फ 2 फीसदी हैं। राजस्थान में एससी, एसटी से भी कम जमीनें मुसलमानों के पास है। मुसलमानों की कई पिछड़ी बिरादरियों को आरक्षण मिलना चाहिए। ऐसी 82 मुस्लिम बिरादरियां हैं जिन्हें सरकार द्वारा आरक्षण देना चाहिए। इस बाबत असदुद्दीन ओवैसी ने सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात के लिए समय मांगा है।
रमजान के बाद अशोक गहलोत से मिलूंगा?
प्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट को राजस्थान सरकार को सौंपा जाएगा। अग सीएम समय दे दे तो मैं रमजान के बाद उनसे मिलने जाऊंगा। खुद अपने हाथों से ये रिपोर्ट मुख्यमंत्री को दूंगा ताकि जो वक्त बचा है उसमें कुछ बेहतर हो सके। अपने संबोधन में ओवैसी ने आगे कहा कि राजस्थान के मुसलमानों को ये तय करना होगा जब कोर्ट से उनको इंसाफ मिलता है। जिसको उन्होंने रहबर माना। वो कुछ बोलें। मैंने जब बाड़मेर में रैली की तो लोगों ने कहा की पाकिस्तान से लोग आए। उनको वीजा क्या अमित शाह ने दिया।
एनकाउंटर है गलत
वहीं एनकाउंटर पर ओवैसी ने कहा कि एनकाउंटर रूल ऑफ लॉ को कमजोर करता है। लोगो को सजा दिलवाना चाहिए ना कि एनकाउंटर करना चाहिए। गांधी के हत्यारे का एनकाउंटर किया? इंदिरा गांधी के हत्यारों का एनकाउंटर किया? सिख दंगों के आरोपियों का एनकाउंटर किया ? इनका एनकाउंटर नहीं हुआ। इन्हें कानून के हिसाब से सजा मिली है। ऐसे में एनकाउंटर करने का क्या मकसद है। ऐसे तो रूल ऑफ लॉ कमजोर हो जाएगा। बता दें कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश के झांसी में अतीक अहमद के बेटे के एनकाउंटर पर असदुद्दीन ओवैसी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि धर्म देखकर ये गोली मारते हैं।