AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को साफ कर दिया कि उनकी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत से उतरेगी। ओवैसी ने दिल्ली में अपनी पार्टी का पहला टिकट ताहिर हुसैन को दिया है। ताहिर हुसैन 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपी हैं। फिलहाल UAPA के तहत जेल में बंद हैं। मंगलवार को ताहिर हुसैन के परिवार वालों ने असदुद्दीन ओवैसी से मुलाकात की। इसके बाद ओवैसी ने ऐलान किया कि ताहिर हुसैन दिल्ली की मुस्तफाबाद सीट से AIMIM के उम्मीदवार होंगे। दिल्ली में AIMIM के अध्यक्ष शोएब जमई ने कहा कि ताहिर हुसैन को चुनाव लड़ाने का फैसला दिल्ली के दंगा पीड़ितों को इंसाफ दिलाने में बड़ा कदम साबित होगा।
ताहिर हुसैन पर आरोप
ताहिर हुसैन पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के सदस्य थे और 2017 में केजरीवाल की पार्टी के टिकट पर कॉरपोरेटर का चुनाव जीते थे। हालांकि, 2020 के दंगों में उनका नाम आने के बाद अरविंद केजरीवा ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया था। 2020 में हुए दिल्ली दंगों में 53 लोगों की जान गई थी, जिसमें IB कर्मचारी अंकित शर्मा की भी हत्या हुई थी। ताहिर हुसैन और उनके समर्थकों पर अंकित की हत्या, आगजनी और हिंसा के आरोप हैं। क्राइम ब्रांच ने दंगों के मामले में चार्जशीट फाइल की है, जिसमें ताहिर हुसैन को दंगों का मास्टरमाइंड बताया गया है।
इम्तियाज जलील का बयान
इस बीच, ओवैसी के करीबी नेता इम्तियाज जलील ने इस मुद्दे पर बयान दिया और कहा कि देश में मुसलमानों को जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जब बीजेपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर जैसे आरोपी को टिकट दे सकती है, तो ताहिर हुसैन को टिकट देने पर सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं।
केजरीवाल और ओवैसी की मिलीजुली चाल: BJP
वहीं, बीजेपी ने ओवैसी के इस कदम को केजरीवाल और ओवैसी की मिलीजुली चाल बताया है। बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि ओवैसी दिल्ली में मुसलमानों के वोटों को पोलराइज करने की कोशिश कर रहे हैं और इसी कारण उन्होंने दंगे के आरोपी को टिकट दिया है।
बीजेपी के आरोप पर AAP का पलटवार
AAP ने भी ओवैसी पर हमला बोला है। पार्टी की नेता प्रियंका कक्कड़ ने संबित पात्रा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि असल में बीजेपी साजिश कर रही है और ओवैसी को मुस्लिम वोटों में बंटवारा करने के लिए मदद दे रही है। कक्कड़ ने यह भी कहा कि ओवैसी बीजेपी की बी टीम बनकर काम कर रहे हैं।
ताहिर हुसैन से AAP ने कर लिया था किनारा
ताहिर हुसैन पर लगे आरोप इतने गंभीर हैं कि आम आदमी पार्टी ने भी उनसे किनारा किया था, लेकिन ओवैसी ने इस मौके पर अपनी राजनीति को मजबूत करने के लिए ताहिर हुसैन को टिकट दे दिया। ओवैसी जानते हैं कि मुस्तफाबाद जैसे इलाकों में मुसलमानों की बड़ी संख्या है और यहां के लोग ताहिर हुसैन को आरोपी के बजाय पीड़ित के तौर पर देखते हैं। इसी रणनीति के तहत ओवैसी ने यह कदम उठाया है, जो आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।
ताहिर हुसैन के चुनाव लड़ने से AAP को नुकसान
आम आदमी पार्टी वाले इसलिए नाराज हैं कि ताहिर हुसैन के चुनाव लड़ने से उन्हें नुकसान होगा। लोग कहेंगे कि जो उनकी पार्टी का आदमी था उस पर मुसीबत आई तो केजरीवाल ने साथ छोड़ दिया। इससे इलाके के मुस्लिम वोट डिवाइड होंगे और इसका असर आज दिखाई भी दिया। सीलमपुर से आम आदमी पार्टी के विधायक अब्दुल रहमान ने पार्टी छोड़ दी और ये कहकर छोड़ी कि आम आदमी पार्टी ने मुसलमानों के अधिकारों को नजरअंदाज किया।
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