दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत को चिट्ठी लिखी है। मोहन भागवत को लिखी गई अपनी चिट्ठी में अरविंद केजरीवाल ने उनसे कई सवाल किए हैं। अरविंद केजरीवाल ने मोहन भागवत को चिट्ठी लिखते हुए सवाल किया, भाजपा ने पिछले दिनों में जो भी गलत किया क्या आरएसएस उसका समर्थन करती है? भाजपा के नेता खुलकर पैसे बांट रहे हैं, क्या आरएसएस वोट खरीदने का समर्थन करती है? बड़े स्तर पर दलित, पूर्वांचली के वोट काटे जा रहे हैं क्या आरएसएस को लगता है ये जनतंत्र के लिए सही है? क्या आरएसएस को नहीं लगता भाजपा जनतंत्र को कमजोर कर रही है?
आतिशी ने वीके सक्सेना को लिखी खत
बता दें कि इससे पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक चिट्ठी लिखी और मंदिर व बौद्ध धार्मिक स्थल तोड़े जाने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल के आदेश पर दिल्ली के मंदिरों और बौद्ध धार्मिक स्थलों को तोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री आतिशी ने चिट्ठी में कहा कि दिल्ली में कोई भी मंदिर या धार्मिक स्थल नहीं तोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि बौद्ध धार्मिक स्थलों से दलित समुदाय की आस्था जुड़ी हुई है। कोई भी धार्मिक स्थल तोड़ने से लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक कमिटी ने बिना मुख्यमंत्री को दिखाए मंदिर तोड़ने की फाइल उपराज्यपाल को भेजी है।
वीके सक्सेना की टिप्पणी पर आतिशी का जवाब
इससे पहले सोमवार को आतिशी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना की टिप्पणी पर पत्र लिखकर जवाब दिया था। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल द्वारा आतिशी को कामचलाऊ मुख्यमंत्री करार दिए जाने पर चिंता व्यक्त की थी और इसे "संविधान में निहित लोकतांत्रिक भावना और मूल्यों की घोर अवहेलना" बताया था। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सक्सेना ने कहा कि केजरीवाल की टिप्पणी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अपमान है, जिन्होंने आतिशी को मुख्यमंत्री नियुक्त किया और यह उपराज्यपाल का भी अपमान है, क्योंकि वह खुद भी राष्ट्रपति के प्रतिनिधि हैं।