नई दिल्ली: केंद्र और ममता सरकार के बीच चल रहा शीत युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों सरकारें एक-दूसरे पर हमलावर हैं। दोनों सरकारें एक-दूसरे की योजनाओं का रोकने का आरोप लगा रही हैं। इसी क्रम में आज 2 अक्टूबर को तृणमूल कांग्रेस महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राजघाट पर धरना दिया। यहां उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने सरकार पर आरोप लगते हुए कहा कि केंद्र सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य के 15,000 करोड़ रुपये रोके हुए हैं।
इसके बाद केंद्र सरकार की तरफ से केंद्रीय सूचना मंत्री अनुराग ठाकुर ने अभिषेक बनर्जी और टीएमसी पर जवाबी हमला बोला। उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार की तरफ से बंगाल के विकास में कोई कोताही नहीं बरती गई। तो ऐसा क्या हुआ कि पश्चिम बंगाल में चल रहे भ्रष्टाचार पर लीपा-पोती करने के लिए ममता बनर्जी को अपने कुछ भ्रष्ट सांसद और नेताओं को दिल्ली भेजना पड़ा?" उन्होंने कहा कि बंगाल में टीएमसी सरकार के घोटाले लगातार सामने आ रहे हैं। उन्हीं घोटालों को ढकने के लिए ये लोग दिल्ली आये हैं।
उन्होंने कहा कि जनवरी 2019 के दौरान केंद्रीय टीम के द्वारा एक जांच की गई। इस जांच में ऐसे तथ्य सामने आये, जिसके देखकर हर कोई हैरान रह गया। वहां की सरकार ने उन कामों को ही दोबारा दिख दिया जो पहले ही हो चुके थे। इन्होने महात्मा गांधी के नाम पर चल रही योजना में भी जबरदस्त घोटाला और भ्रष्टाचार किया। इसके बाद अब यह लोग गांधी जयंती के दौरान राजघाट पर आकर राजनीतिक ड्रामा कर रहे हैं।
बंगाल की जनता से बदला ले रही बीजेपी- अभिषेक बनर्जी
वहीं अनुराग ठाकुर के आरोपों पर TMC अभिषेक बनर्जी ने कहा, "आज जिस तरीके से हमारे साथ दुर्व्यवहार और हाथापाई की उससे साफ पता चलता है कि बीजेपी डरी हुई है। अगर लोगों को लगता है कि जिन्हें हमने सत्ता में चुना है, उन्होंने फंड रोक दिया है और सरकार बदलने की जरूरत है, तो ऐसा होने से कोई नहीं रोक सकता। केंद्र सरकार ने दो साल से अधिक समय से विभिन्न जॉब कार्ड धारकों का पैसा रोक रखा है। आपने जानबूझकर पैसा रोक कर रखा है क्योंकि बंगाल के लोगों ने आपको नहीं चुना। यह लोग इसी बात का बदला ले रहे हैं"
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