Thursday, January 16, 2025
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मायावती के एक और भतीजे की सियासत में एंट्री? जानें, कौन हैं ईशान आनंद जिनकी हो रही चर्चा

बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के भतीजे ईशान आनंद की राजनीति में एंट्री को लेकर अटकलें तेज हैं। हाल ही में वह मायावती के जन्मदिन पर लखनऊ में उनके साथ थे और आज बीएसपी की रिव्यू मीटिंग में भी नजर आए।

Reported By : Ruchi Kumar Edited By : Vineet Kumar Singh Published : Jan 16, 2025 13:59 IST, Updated : Jan 16, 2025 14:14 IST
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Image Source : INDIA TV BSP सुप्रीमो मायावती के साथ ईशान आनंद (बाएं) और आकाश आनंद (दाएं)।

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के भतीजे ईशान आनंद की सियासत में एंट्री को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। हाल ही में ईशान अपनी बुआ मायावती के साथ लखनऊ में उनके जन्मदिन पर नजर आए थे। इसके बाद से ही यह चर्चा जोरों पर है कि क्या ईशान भविष्य में अपने सियासी सफर की शुरुआत करने जा रहे हैं। इसके बाद आज बीएसपी की रिव्यू मीटिंग में भी ईशान मायावती के साथ दिखे, जिससे उनकी राजनीति में सक्रियता को लेकर नए संकेत मिल रहे हैं।

बड़े भाई आकाश पहले ही राजनीति में

ईशान बसपा सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार के बेटे हैं। आनंद कुमार के बड़े बेटे आकाश आनंद पहले से ही राजनीति में सक्रिय हैं। ईशान आनंद कुमार की उम्र 26 साल है और उन्होंने लंदन से लीगल स्टडीज में अपनी पढ़ाई पूरी की है। मायावती ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ईशान का परिचय भी कराया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि ईशान अपने पिता के कारोबार को संभाल रहे हैं। यह कदम बीएसपी में उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।

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Image Source : INDIA TV
दोनों भाई बीएसपी सुप्रीमो के साथ।

जन्मदिन पर दिया था दोनों को आशीर्वाद

मायावती ने गुरुवार को लखनऊ में बसपा की रिव्यू मीटिंग बुलाई, जिसमें वह अपने दोनों भतीजों के साथ नजर आईं। उनके एक तरफ आकाश आनंद और दूसरी तरफ ईशान आनंद दिखे। मायावती ने अपने जन्मदिन पर दोनों भाइयों को आशीर्वाद दिया था, जिससे यह इशारा मिल गया कि वह उन्हें पार्टी में आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं। इस बैठक में बसपा के भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा हुई और पार्टी के प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

BSP के लिए चैलेंजिंग रहे हैं पिछले कुछ चुनाव

बता दें कि बीएसपी के लिए पिछले कुछ चुनाव चुनौतीपूर्ण रहे हैं। 2007 में मायावती ने यूपी में बहुमत की सरकार बनाई थी, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन काफी खराब रहा। उस चुनाव में पार्टी का केवल एक विधायक ही जीत सका। इसी तरह, लोकसभा चुनाव में भी बीएसपी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली, जबकि वोट शेयर घटकर 9.38 प्रतिशत रह गया। हालांकि, मायावती ने 2019 में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था, जिसके परिणामस्वरूप 10 सांसदों को जीत मिली थी।

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