हैदराबाद: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज मंगलवार को कहा कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के कारण हमेशा नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध किया। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के समय संविधान निर्माताओं ने बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान छोड़ने वाले शरणार्थियों को उत्पीड़न का सामना करने का वादा किया था कि उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी। जानकारी दे दें कि केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने हैदराबाद के सिकंदराबाद में सोशल मीडिया योद्धाओं की बैठक को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।
'आजादी के समय हमारे संविधान निर्माताओं ने वादा किया था'
गृह मंत्री ने कहा, "हमने कहा था कि हम सीएए लाएंगे। कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करती रही। आजादी के समय हमारे संविधान निर्माताओं ने वादा किया था कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आने वाले शरणार्थियों और पाकिस्तान से जो लोग वहां जुल्म सहकर यहां आ रहे हैं, उन्हें हम नागरिकता देंगे।" कांग्रेस तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के कारण कांग्रेस इसका विरोध करती थी। हिंदुओं, बौद्धों, जैनियों, सिखों और अन्य लोगों को नागरिकता देकर नरेंद्र मोदी जी ने उन्हें सम्मानित किया है।"
क्या बोले ओवैसी?
वहीं, हैदराबाद में ही CAA लागू होने पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "आपको CAA को NRC और NPR के साथ जोड़कर देखने की जरूरत है। क्या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में मेरा नाम लेकर नहीं कहा था कि NRC और NPR लागू किया जाएगा? यह रिकॉर्ड में है, उनका(भाजपा) मुख्य उद्देश्य देश में NPR और NRC लागू करना है।"
इस नियम में क्या है?
जानकारी दे दें कि लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से कुछ दिन पहले बीते दिन सोमवार शाम को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के नियमों को नोटिफाई किया है। जानकारी दे दें कि इस एक्ट का उद्देश्य सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों - जिनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं, को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है, जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से चले गए और 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए।
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