नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र से पहले सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई। सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई और केंद्रीय मंत्री तथा लोजपा (रामविलास) नेता चिराग पासवान सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजीजू भी बैठक में मौजूद थे। इस पारंपरिक बैठक में कांग्रेस के के. सुरेश, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के असदुद्दीन ओवैसी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अभय कुशवाहा, जनता दल (यूनाइटेड) के संजय झा, आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह, समाजवादी पार्टी (सपा) नेता रामगोपाल यादव और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे।
कांग्रेस, सपा और YSRCP नेताओं ने उठाए मुद्दे
सूत्रों की मानें तो बैठक में कांग्रेस ने कहा कि विपक्ष को डिप्टी स्पीकर का पोस्ट मिलना चाहिए। इसके अलावा विपक्ष ने NEET का मुद्दा भी उठाया है। इसके अलावा रामगोपाल यादव ने कांवड़ रूट पर दुकानदारों के नेम प्लेट लगाकर पहचान दिखाने का मुद्दा भी उठाया। वहीं YSR कांग्रेस ने कहा कि टीडीपी सरकार उनके नेताओं को राज्य में टार्गेट कर रही हैस लिहाजा उनको सुरक्षा मिले। बता दें कि संसद का मानसून सत्र 22 जुलाई को शुरू होने वाला है जो कि 12 अगस्त को समाप्त होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को संसद में केंद्रीय बजट पेश करेंगी। एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में, संसदीय कार्य मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू संसद के बजट सत्र से पहले संसद के दोनों सदनों में राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। सर्वदलीय बैठक सुबह 11 बजे पार्लियामेंट हाउस के मुख्य समिति कक्ष में होगी।
टीएमसी ने बताई शामिल ना होने की वजह
सत्र आरंभ होने से पहले सभी दलों के सदन के नेताओं की इस पारंपरिक बैठक में पहली बार नेता प्रतिपक्ष के रूप कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शामिल होंगे। तृणमूल कांग्रेस का कोई भी प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल नहीं होगा, क्योंकि पार्टी 21 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाती है। तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने रीजीजू को पत्र लिखकर सूचित किया है कि उनकी पार्टी इस बैठक में शामिल नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘30 वर्षों से 21 जुलाई को बंगाल में हमारे 13 साथियों के सम्मान में ‘शहीद दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, जो 1993 में पुलिस की गोलीबारी में गैरकानूनी रूप से मारे गए थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस परिप्रेक्ष्य में, मेरे सहित अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के सभी सांसद पार्टी के अन्य सहयोगियों के साथ इस दिवस को मनाने के लिए अपने गृह राज्य में होंगे। इसलिए कोई भी सांसद बैठक में शामिल नहीं हो सकेगा।’’
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट
बता दें कि आम चुनाव के संपन्न होने और 18वीं लोकसभा के गठन के बाद यह पहला बजट सत्र है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी और उसके सहयोगी दल संसद में सत्ता हासिल करने में कामयाब रहे। इस हिसाब से इस सत्र में जो बजट पेश किया जाएगा वह उनके तीसरे कार्यकाल का पहला बजट होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को सदन में केंद्रीय बजट पेश करेंगी जिसके बाद दोनों सदनों में चर्चा होगी। 18वीं लोकसभा के गठन के बाद पहले संसद सत्र में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने हाल ही में नीट विवाद, मणिपुर की स्थिति और महंगाई जैसे मुद्दों को उठाया था और नारेबाजी व शोरगुल के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई थी। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जवाब के दौरान दोनों सदनों में विरोध प्रदर्शन भी हुए थे। लोकसभा में प्रधानमंत्री के जवाब के दौरान विपक्षी सांसदों ने मणिपुर पर बयान देने की मांग करते हुए नारेबाजी की जबकि राज्यसभा में विपक्ष ने वॉक आउट किया था। (इनपुट- एजेंसी)
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