संसद में विपक्षी दलों द्वारा सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने बैठक में कहा कि विपक्ष को डिप्टी स्पीकर का पोस्ट दिया जाए। वहीं कांग्रेस ने नीट पेपर लीक का भी मुद्दा उठाया। वहीं समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कांवड़ रूट पर पहचान दिखाने का मुद्दा उठाया। वहीं वाईएसआर कांग्रेस ने टीडीपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके नेताओं को राज्य में टार्गेट किया जा रहा है। इस कारण उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए। वहीं संसद में सर्वदलीय बैठक पर राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि परंपरागत रूप से सर्वदलीय बैठक इसलिए होती है ताकि हम सदन की कार्यवाही से जुड़े मुद्दे उठा सकें। हम महंगाई, बेरोजगारी, पेपर लीक, चीन से जुड़े सुरक्षा मुद्दे, संसद में मूर्तियां हटाने, किसान, मजदूर, मणिपुर, रेल दुर्घटना जैसे मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं। हम नीट के मु्ददे पर भी चर्चा करने का पूरा प्रयास करेंगे।
नीट मामले में सीबीआई कर रही कार्रवाई
बता दें कि नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं कांवड़ यात्रा पर फिलहाल बवाल मचा हुआ है। दरअसल 22 जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरू होने जा रहा है। 22 जुलाई से शिवभक्त कांवड़ लेकर निकलेंगे और भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे। इस बीच यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त आदेश जारी करते हुए कह दिया है कि कांवड़ यात्रा के मार्ग पर जो दुकान, होटल या खाने-पीने के ठेले हैं, उन्हें नेमप्लेट लगाकर साफ-साफ जानकारी देनी होगी।
नेमप्लेट विवाद पर मचा बवाल
सीएम योगी ने कहा कि रास्ते में पड़ने वाली खाने-पीने की दुकानो व ठेलों पर मालिक व इसे चलाने वाले का नाम लिखा जाए। ताकि कांवड़ी यात्री जान सकें कि वो किस दुकान से सामान खरीद रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर बवाल मचा हुआ है। वहीं उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनके राज्य में इस तरह के निर्देश पहले ही लागू हैं। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह निर्णय 12 जुलाई को कांवड़ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के लिए हुई बैठक में लिया गया था। बता दें कि मुजफ्फरनगर में जारी आदेश के बाद इसे पूरे यूपी में लागू कर दिया गया है।