कोप्पल: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने राज्य की BJP सरकार को ‘रिश्वत मुक्त’ बताने पर शुक्रवार को भगवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर जमकर निशाना साधा। सिद्धरमैया ने कहा कि ऐसा कहकर भारतीय जनता पार्टी के चीफ लोगों से झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसौध की दीवारें भी कहती हैं कि आपकी सरकार भ्रष्ट है। बता दें कि एक दिन पहले ही नड्डा ने कोप्पल में एक जनसभा में कहा था कि बीजेपी को छोड़कर सभी दल ‘कमीशन’ के लिए काम करते हैं।
‘लूट को छोड़कर कोई विकास कार्य नहीं हुआ’
कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने कोप्पल में एक जनसभा में कहा, ‘3.5 साल पहले राज्य में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद लूट को छोड़कर कोई विकास कार्य नहीं हुआ। नड्डा जी, आप झूठ बोलते हैं कि बीजेपी की सरकार ‘रिश्वत मुक्त सरकार’ है।’ उन्होंने नड्डा के गुरुवार के उस बयान का मजाक उड़ाया कि बीजेपी के मुख्यमंत्री जनता के पास रिपोर्ट कार्ड के साथ जाते हैं। सिद्धरमैया ने कहा, ‘आप बीजेपी के नेताओं से लोगों के सामने रिपोर्ट कार्ड लेकर जाने को कहते हैं लेकिन आपने राज्य में कौन सा विकास किया है? उसके बाद भी, आप खुद को डबल इंजन सरकार कहते हैं।’
‘कर्नाटक में 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि कर्नाटक में 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार है जिसे राज्य में सभी जानते हैं। उन्होंने कहा कि ठेकेदार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने भी कहा था कि मंत्री 40 पर्सेंट कमीशन वसूलते हैं। विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने कहा, ‘विधानसौध की दीवारें भी कानाफूसी कर रही है कि आपकी सरकार भ्रष्ट है। भर्ती, ट्रांसफर, प्रमोशन और तैनाती में रिश्वत दी जाती है और ली जाती है। वे सिर्फ सरकारी योजनाओं में ही पैसे नहीं वसूलते हैं।’ सिद्धरमैया ने कहा कि ठेकेदार संतोष पाटिल ने इस साल की शुरुआत में इसलिए खुदकुशी कर ली क्योंकि वह काम के लिए 40 फीसदी रिश्वत नहीं दे सका।
‘बीजेपी ने कर्नाटक में इसलिए बदला मुख्यमंत्री’
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और येदियुरप्पा के बीच मतभेद पैदा हो गये हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाकर बोम्मई को सिर्फ इसलिए लाया गया क्योंकि बीजेपी किसी ऐसे को चाहती थी जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इशारे पर चले।’ सिद्धरमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रिंसिपल और गृहमंत्री अमित शाह को वाइस प्रिंसिपल बताया और कहा कि उनके सामने लोगों को हाथ बांधकर खड़ा रहना पड़ता है क्योंकि किसी में उनके सामने तनकर खड़ा रहने की हिम्मत नहीं है।