लखनऊ: बिहार में एक बार फिर से सत्ता परिवर्तन हो गया है। रविवार सुबह नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और शाम को फिर से सीएम पद की शपथ ले ली। लेकिन इस बार उनके सहयोगी दल अलग हैं। अब तक वह आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट दलों के साथ मिलकर महागठबंधन की सरकार चला रहे थे। वहीं इस बार वह एनडीए के साथ मिलकर सरकार चलाएंगे।
अखिलेश यादव ने कसा तंज
बिहार के इस सत्ता परिवर्तन पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी तंज कसा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि नीतीश कुमार देश के भावी प्रधानमंत्री थे लेकिन बीजेपी ने उन्हें केवल मुख्यमंत्री पद तक ही सीमित कर दिया। उन्होंने लिखा, "ये बीजेपी का लोकसभा चुनाव हारने की हताशा का नतीजा है। जिसने साज़िश करके एक भावी प्रधानमंत्री को अपने साथ मिलाकर मुख्यमंत्री के पद तक ही सीमित कर दिया।"
इसके अलावा अखिलेश यादव ने लिखा कि बीजेपी ने बिहार की जनता का अपमान किया है और जनमत का भी। जनता इस अपमान का जवाब बीजेपी गठबंधन को लोकसभा का चुनाव हराकर देगी। बिहार का हर निवासी अपना अगला वोट, बिहार के सम्मान को बचाने के लिए डालेगा और भाजपा को हराने के लिए।
अपने कमजोरकाल से गुजर रही बीजेपी- अखिलेश
इससे पहले अखिलेश यादव ने कहा था कि बीजेपी अपने जीवनकाल में इतनी कमज़ोर कभी नहीं थी, जितनी आज हो गयी। आज विश्वासघात का नया कीर्तिमान बना है। जनता इसका करारा जवाब देगी। कोई आप पर विश्वास न करे, एक व्यक्ति के रूप में किसीकी इससे बड़ी हार और कुछ नहीं हो सकती।
वहीं इस सत्ता परिवर्तन के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को इस धोखेबाजी का परिणाम भुगतना पड़ेगा। उन्हें जनता सबक सिखाएगी। उन्होंने कहा कि हमने नीतीश कुमार के साथ 17 महीने की सरकार चलाई। इस दौरान हमने क्या-क्या नहीं किया। लाखों नौकरियां दीं। पिछले 17 महीनों में जो हमने किया, वह देश में कोई भी सरकार नहीं कर पाई।