नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार गुट को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने अजित पावर गुट को घड़ी चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने की इजाजत दी है। वहीं शरद पवार को बिगुल बजाता आदमी चुनाव चिह्न के रूप में इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार गुट की ओर से दाखिल एक याचिका पर यह आदेश पारित किया है। बता दें कि विभाजन से पहले राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिह्न घड़ी था।
शरद गुट ने की थी रोक लगाने की मांग
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में शरद पवार गुट की ओर से यह अजित पवार गुट को निर्वाचन आयोग द्वारा आवंटित 'घड़ी' चुनाव चिह्न का उपयोग करने से इस आधार पर रोकने की मांग की गई थी कि यह समान अवसर को बाधित कर रहा है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विश्वनाथन की पीठ ने इस दलील को खारिज कर दिया और अजित पवार गुट को घड़ी चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी।
कोर्ट ने अजित गुट को दिया ये आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह निर्देश भी दिया कि किसी अन्य पार्टी या निर्दलीय उम्मीदवार को यह चुनाव चिह्न आवंटित नहीं किया जाए। कोर्ट ने अजित पवार गुट को अंग्रेजी, हिंदी और मराठी में अखबारों में यह सार्वजनिक नोटिस जारी करने को कहा कि ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न अदालत में विचाराधीन है और इसका उपयोग फैसले के आधार पर होगा। सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट से चुनाव से संबंधित सभी दृश्य-श्रव्य विज्ञापनों और बैनर तथा पोस्टर आदि में भी इसी तरह की घोषणा करने को कहा।
EC ने 6 फरवरी को अजित गुट को माना था असली NCP
इससे पहले 6 फरवरी को चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी माना था। चुनाव आयोग ने यह फैसला बहुमत के आधार पर लिया था। उस वक्त चुनाव आयोग ने कहा था कि अजित पवार गुट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न (घड़ी) का इस्तेमाल कर सकता है।