Highlights
- केंद्र सरकार से कांग्रेस ने अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग की
- योजना के विरोध में राहुल और प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को देश के युवाओं से माफी मांगने को कहा
Agnipath Protest: पूरे देश में अग्निपथ योजना के विरोध के बीच कांग्रेस ने केंद्र सरकार से इस योजना को तत्काल वापस लेने को कहा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के युवाओं से माफी मांगने की सलाह दी। देश की सबसे बड़ी विपक्षी दल ने यह भी कहा कि सेना की भर्ती की आयुसीमा में तीन साल की छूट दी जाए और जरूरत पड़ने पर रक्षा एवं सेना से जुड़े मामलों पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र या सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए।
योजना के विरोध में राहुल गांधी का ट्वीट
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि "अग्निपथ - नौजवानों ने नकारा, कृषि कानून - किसानों ने नकारा, नोटबंदी - अर्थशास्त्रियों ने नकारा, जीएसटी - व्यापारियों ने नकारा।" उन्होंने आरोप लगाया कि "देश की जनता क्या चाहती है, ये बात प्रधानमंत्री नहीं समझते क्योंकि उन्हें अपने ‘मित्रों’ की आवाज के अलावा कुछ सुनाई नहीं देता।"
प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी किया विरोध
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट करते हुए कहा कि "24 घंटे भी नहीं बीते कि भाजपा सरकार को नयी आर्मी भर्ती का नियम बदलना पड़ा। मतलब, योजना जल्दबाजी में युवाओं पर थोपी जा रही है।" उन्होंने कहा, "नरेंद्र मोदी जी, इस योजना को तुरंत वापस लीजिए, वायुसेना की रुकी भर्तियों में नियुक्ति और परिणाम दीजिए। सेना भर्ती को पहले की तरह कीजिए।
योजना सेना के हित में नहीं- दीपेंद्र सिंह हुड्डा
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने संवाददाताओं से कहा कि ‘‘यह योजना सेना के हित में नहीं है। इस सरकार को दूसरे देशों की नकल करने की आदत हो गई है। वह सेना और देश के हितों के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकती। सेना में दो लाख से अधिक पद खाली हैं। भर्ती प्रक्रिया तत्काल आरंभ की जाए। देश की सुरक्षा, सेना और देशभक्ति की भावना में कोई वाणिज्यिक हित नहीं हो सकता।’’ हुड्डा ने सरकार से आग्रह किया कि ‘‘ अग्निपथ योजना को अविलंब वापस लिया जाए। भर्ती की आयुसीमा में तीन साल की छूट दी जाए क्योंकि तीन साल से भर्ती नहीं हुई। जिन काबिल नौजवानों ने आत्महत्या की, उनके परिवारों को मुआवजा दिया जाए।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और पूरी सरकार देश के नौजवानों से माफी मांगे। सरकार को सेना पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। राष्ट्रनीति के तहत काम करना चाहिए। रक्षा, सेना और इससे जुड़े मुद्दों पर जरूरी हो तो संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए या फिर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए।’’
सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की मंगलवार को घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी।