Highlights
- केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का देशभर में विरोध
- योजना को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर विपक्ष
- कांग्रेस नेता मनीष तिवारी के पार्टी से अलग विचार
Agneepath Scheme: कांग्रेस नेता और सांसद मनीष तिवारी ने अग्निपथ योजना को लेकर गुरुवार को अपनी पार्टी के रुख से अलग विचार व्यक्त किए। तिवारी ने कहा कि नयी अग्निपथ योजना सही दिशा में एक बहुत जरूरी सुधार है और सशस्त्र बलों को रोजगार गारंटी कार्यक्रम नहीं होना चाहिए।
कांग्रेस के विपरीत बोले मनीष तिवारी
सरकार ने मंगलवार को दशकों पुरानी चयन प्रक्रिया में बड़े बदलाव के तहत सेना, नौसेना और वायुसेना में चार साल के अल्पकालिक अनुबंध के आधार पर सैनिकों की भर्ती के लिए योजना की शुरुआत की। तिवारी ने कहा, ‘‘यह एक ऐसा सुधार है जिसकी बहुत जरूरत है और यह सही दिशा में एक सुधार है।’’ उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मैं अग्निपथ भर्ती प्रक्रिया को लेकर चिंतित युवाओं के साथ सहानुभूति रखता हूं। वास्तविकता यह है कि भारत को अत्याधुनिक हथियारों से लैस प्रौद्योगिकी के लिए युवा सशस्त्र बल की आवश्यकता है।’’
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सशस्त्र बलों को रोजगार गारंटी कार्यक्रम नहीं होना चाहिए।’’ उनका यह बयान उनकी पार्टी के रुख के विपरीत है, क्योंकि कांग्रेस ने इस योजना पर सरकार की आलोचना की है और इसे स्थगित रखने की मांग भी की है। कांग्रेस का कहना है कि विशेषज्ञों और अन्य लोगों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद ही इस बारे में अगला कदम उठाया जाना चाहिए।
अग्निपथ योजना के खिलाफ जारी है बवाल
सेना में भर्ती के लिए नई योजना ‘अग्निपथ’ पर देश के कई हिस्सों में बवाल मचा हुआ है। विपक्ष ने गुरुवार को इस योजना को लेकर केंद्र सरकार पर अपना हमला तेज कर दिया और इसे वापस लेने की मांग की। वहीं, सरकार ने एक स्पष्टीकरण जारी करके कहा कि नया ‘मॉडल’ न सिर्फ सेना के के लिए नयी क्षमताएं लाएगा, बल्कि निजी क्षेत्र में युवाओं के लिए अवसर के द्वार भी खोलेगा। गुरुवार के हरियाणा, यूपी और बिहार समेत देश के अलग-अलग हिस्सो में अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन हुए।