लोकसभा चुनाव 2024 का रिजल्ट आ चुका है और जनता ने एनडीए गठबंधन को जहां 400 पार तो नहीं लेकिन सरकार बनाने के लिए बहुमत दे दिया है। लेकिन जनता ने सोच समझकर इस बार वोटिंग की है और गर्त में गिरे विपक्ष को भी संजीवनी दे दी है। अब सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को जो नंबर मिले हैं, इससे जोड़ तोड़ की भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। एक तरफ बहुमत के आंकड़े से दूर भाजपा के लिए सहयोगियों को समेट कर रखने की कवायद करनी पड़ेगी तो वहीं अगर इंडिया गठबंधन विपक्ष में बैठा तो लोकतंत्र के लिए एक मजबूत विपक्ष सामने देखने को मिलेगा।
आज की शाम है अहम
चुनाव का रिजल्ट घोषित होते ही विपक्षी गठबंधन में शामिल सबसे बड़े दल के रूप में उभरे कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि यह चुनाव संविधान को बचाने का चुनाव था। जनता को धन्यवाद दिया। इसके बाद भाजपा ने भी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए एक सभा की जिसको पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा ने संबोधित किया। सबने जनता को धन्यवाद देते हुए कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया कि सरकार एनडीए की बनेगी और अगले साल के लिए तैयार खाके के मुताबिक काम करना होगा।
पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं में जोश भरा और फिर रिजल्ट जारी होने के दूसरे दिन यानी आज, 5 जून विधिवत लोकसभा भंग करने की सिफारिश के साथ ही पूरी कैबिनेट के साथ पीएम पद से इस्तीफा दिया। अब नई लोकसभा के गठन तक वे कार्यकारी प्रधानमंत्री बने रहेंगे। इसके साथ ही उनके आठ जून को तीसरी बार पीएम पद के शपथ लेने की चर्चा है। उससे पहले आज शाम एनडीए के घटक दलों के साथ अहम बैठक हो रही है, जिसमें गठबंधन की शर्तों और सबसे बात कर नए सरकार के गठन की चर्चा हुई और मोदी को फिर से पीएम बनाने पर मुहर लग गई।
क्या होगा इंडिया गठबंधन में...
वैसे ही दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन इंडिया की तरफ से ही आज घटक दलों के साथ शाम छह बजे अहम बैठक हो रही है जिसमें सरकार बनाने और विपक्ष की भूमिका में बैठने जैसे अहम मुद्दों पर बात होगी। कांग्रेस, सपा, शिवसेना उद्धव, एनसीपी शरद के साथ ही अन्य दलों से बातचीत कर आगे की रणनीति तय की जाएगी। यह मीटिंग कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर हो रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा था कि हम आगे की रणनीति सभी दलों की मीटिंग के बाद ही तय करेंगे।
उन्होंने ये भी कहा था कि हम अगर अपनी पूरी स्ट्रैटजी अभी बता देंगे, तो मोदी जी पहले से सावधान हो जाएंगे। इसके साथ ही राहुल गांधी ने भी कहा था कि विपक्ष में बैठने या सरकार बनाने का फैसला मीटिंग में ही होगा। इसके साथ ही राहुल गांधी ने ये भी कहा कि हमने जो वादा किया था वो पूरा करें।
एनडीए और इंडिया दोनों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं
दरअसल, चुनाव का रिजल्ट आने के बाद विपक्षी गठबंधन को कुल 234 सीटें मिली हैं और सत्ता पक्ष एनडीए गठबंधन को कुल 292 और अन्य को 17 सीटें मिली हैं। किसी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। अब दोनों गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 272 सांसदों का समर्थन चाहिए। ऐसे में बहुमत के लिए सत्ता पक्ष को अपने सहयोगियों का समर्थन मिले तो कोई चिंता नहीं लेकिन अगर सहयोगियों ने शर्तों के आधार पर समर्थन देने के लिए दबाव बनाया तो दिक्कत हो सकती है। विपक्ष को इससे इतर बहुमत के लिए कई पार्टनर खोजने होंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज शाम की बैठक विपक्ष के लिए गेमचेंजर वाली शाम हो सकती है।
संभावनाओं की है सियासत
विपक्ष की नजर सत्ता पक्ष में शामिल सहयोगियों पर टिकी है जो वहां से इधर आ सकते हैं। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू पर उसकी नजर है जो इंडिया गठबंधन की शुरुआत में पहले सहयोगी थे और अनबन के बाद एनडीए में चले गए थे। अगर ये दोनों दिग्गज विपक्ष के साथ होते तो एनडीए के सामने बड़ी मुश्किल हो सकती थी। लेकिन भाजपा ने बड़ी चालाकी से दोनों दलों-टीडीपी और जदयू को साथी बना लिया। अब इंडिया गठबंधन में शामिल ये दोनों दल नाराजगी छोड़ वापस आ जाएं। कहते हैं कि राजनीति संभावनाओं का खेल है, देखना होगा आज की शाम क्या कुछ बड़ा तय करती है।
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