2019 के लोकसभा चुनाव के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की चीफ मायावती का फोन उठाना बंद कर दिया था। यह दावा खुद बसपा ने अपने एक किताब में किया है। बसपा ने आगे बताया कि 2019 की लोकसभा चुनाव में सपा की सीटें कम आईं जिसके बाद सपा चीफ अखिलेश यादव ने मायावती का फोन उठाना बंद कर दिया था।
बसपा ने किया बड़ा खुलासा
बीएसपी ने 'बहुजन समाज पार्टी पुस्तिका' जारी की, जिसे पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच बांटा जा रहा है। इसमें पार्टी प्रमुख मायावती ने सपा के साथ गठबंधन टूटने के बारे में खुलासा किया है। मायावती ने एक पुस्तिका में बड़ा खुलासा किया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सीटें कम होने के बाद सपा नेता अखिलेश यादव ने उनका फोन उठाना बंद कर दिया था।
इस कारण सपा से अलग होने का फैसला
पुस्तिका में आगे कहा गया है,"BJP को देश की सत्ता से दूर करने के लिए साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा साथ आए और दोनों ने मिलकर लड़ा चुनाव लड़ा। 2019 लोकसभा चुनाव के रिजल्ट जब सबके सामने आए तो उसमें बसपा को 10 व सपा को 5 सीटें मिलीं जिसके बाद सपा नेता अखिलेश यादव ने अलग बर्ताव दिखाना शुरू कर दिया और बसपा प्रमुख व पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं का कॉल उठाना तक बंद कर दिया था। इस कारण फिर पार्टी ने अपने स्वाभिमान को बरकरार रखते हुए सपा से अलग होने का फैसला किया।’’ जानकारी दे दें कि बसपा की यह पुस्तिका 59 पन्नों की है, जो उपचुनाव और आने वाले चुनावों के मद्देनजर पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में बांटी जा रही है।
अखिलेश ने दिया ये जवाब
पत्रकारों ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में जब सपा चीफ अखिलेश यादव से इस पुस्तिका में किए गए खुलासे के बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा, "जिस समय गठबंधन टूटा, उस समय मैं आजमगढ़ में एक सभा के मंच पर था। वहां, सपा-बसपा के कार्यकर्ता और कई नेता मौजूद थे। किसी को ये नहीं पता था कि गठबंधन टूटने जा रहा हैं।’’
यादव ने आगे कहा,"मैंने खुद कॉल किया था, यह जानने के लिए कि आखिरकार यह गठबंधन क्यों तोड़ा जा रहा है, क्योंकि प्रेस वाले जब जनसभा के बाद मुझसे पूछेंगे तो उन्हें मैं क्या जवाब दूंगा? कभी-कभी अपनी बातें छुपाने के लिए भी ऐसी बातें की जाती हैं।"
(इनपुट- पीटीआई)
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