उत्तराखंड के हल्द्वानी पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अयोध्या में बीते 22 जनवरी को श्री रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के अयोध्या न जाने को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि श्री राम किसी एक पार्टी के नहीं हैं। इसलिए कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों के नेता को अयोध्या के राम मंदिर जाना चाहिए था। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि भगवान राम के मंदिर में जाने के लिए निमंत्रण की आवश्यकता नहीं होती है और यदि निमंत्रण आए तो यह मनुष्य का सौभाग्य होता है।
"अपनी गलती को सुधारना चाहिए..."
अपनी पार्टी कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि अयोध्या में राम के नाम की गंगा बह रही थी, इसमें सबको डुबकी लगानी चाहिए थी। जो नहीं गए उन्हें अयोध्या जाना चाहिए और अपनी गलती को सुधारना चाहिए। वहीं आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ये भी कहा कि कांग्रेस पार्टी राम विरोधी हो ही नहीं सकती है, क्योंकि कांग्रेस महात्मा गांधी की पार्टी है। वह महात्मा गांधी जिनकी सभा की शुरुआत 'रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीताराम' से हुआ करती थी। तो वह कांग्रेस जो महात्मा गांधी की पार्टी है। वह राम विरोधी नहीं हो सकती है।
"कुछ नेता कांग्रेस को वामपंथ की ओर ले जा रहे"
वरिष्ठ कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में कुछ ऐसे नेता हैं, जो महात्मा गांधी के रास्ते से हटकर कांग्रेस को वामपंथी के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं। कांग्रेस नेतृत्व को इन लोगों से बचना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर भी कांग्रेस का तैयारियों पर चर्चा की। बता दें कि राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के निमंत्रण को जब से कांग्रेस आलाकमान ने ठुकराया है, आचार्य प्रमोद कृष्णम तब से ही लगातार पार्टी की मुखाल्फत कर रहे हैं। कांग्रेस का अयोध्या ना जाना प्रमोद कृष्णम की नाराजगी की वजह है।
"मोदी ना होते तो राम मंदिर नहीं बन पाता"
वहीं प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रमोद कृष्णम ने कहा था, "मंदिर का जो निर्माण हुआ है वो अदालत के फैसले से हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया और भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण शुरु हुआ और कल उसकी प्राण प्रतिष्ठा है। अगर मोदी देश के प्रधानमंत्री ना होते तो ये फैसला ना हो पाता और यह मंदिर नहीं बन पाता। मैं राम मंदिर के निर्माण और इसके प्राण प्रतिष्ठा के शुभ दिन का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को देना चाहता हूं।"
(रिपोर्ट- भूपेन्द्र रावत)
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