कांग्रेस ने अपने सीनियर लीडर अभिषेक मनु सिंघवी को तेलंगाना से राज्यसभा में भेजने का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अभिषेक मनु सिंघवी की उम्मीदवारी को मंजूरी दी है। अभिषेक मनु सिंघवी एक जाने-माने कानूनी विशेषज्ञ और राजनेता हैं। इस साल अप्रैल में कांग्रेस ने सिंघवी को हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया था। हालांकि, कांग्रेस के कुछ विधायकों की बगावत की वजह से वह चुनाव हार गए। बीजेपी के हर्ष महाजन राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।
हिमाचल के राज्यसभा चुनाव में क्या हुआ?
इसके बाद ये जानकारी सामने आई कि कांग्रेस हाईकमान अभी भी सिंघवी को राज्यसभा भेजने के पक्ष में है और उन्हें दक्षिणी राज्य तेलंगाना से उच्च सदन में लाने पर विचार चल रहा है। हिमाचल प्रदेश के राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई, जिसका सीधे-सीधे फायदा बीजेपी को हुआ था। ऐसे में पर्याप्त वोट होने के बावजूद कांग्रेस हार गई थी। कांग्रेस के ही 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर बीजेपी के उम्मीदवार को जितवा दिया था।
हिमाचल प्रदेश से कैसे हार गए थे सिंघवी?
दरअसल, 68 सीटों वाली हिमाचल विधानसभा में राज्यसभा का चुनाव जीतने के लिए 35 वोटों की जरूरत थी। कांग्रेस के पास 40 विधायक जबकि बीजेपी के पास 25 थे, लेकिन कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी और बीजेपी के उम्मीदवार हर्ष महाजन को वोट दे दिया। इनके साथ ही दो निर्दलीय समेत तीन विधायकों ने भी बीजेपी को वोट दिया था। इस तरह से बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को 34 वोट मिले। कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को भी 34 वोट ही मिले। टाई होने के बाद पर्ची निकालकर फैसला किया गया, जिसमें बीजेपी के हर्ष महाजन की जीत हुई।
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