नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने पंजाब में सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस को गठबंधन का ऑफर दिया। हालांकि, इस प्रस्ताव के साथ एक तीखा व्यंग्य भी किया गया क्योंकि आम आदमी पार्टी ने कहा कि कांग्रेस योग्यता के आधार पर राष्ट्रीय राजधानी में एक भी सीट की हकदार नहीं है। पार्टी के सांसद संदीप पाठक ने कहा कि आप चाहती है कि कांग्रेस पार्टी दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से केवल एक पर चुनाव लड़े। बाकी सीटों पर सत्तारूढ़ दल चुनाव लड़ेगा।
गठबंधन धर्म के मद्देनजर एक सीट की पेशकश
संदीप पाठक ने कहा कि योग्यता के आधार पर, कांग्रेस पार्टी दिल्ली में एक भी सीट की हकदार नहीं है, लेकिन 'गठबंधन के धर्म' को ध्यान में रखते हुए हम उन्हें दिल्ली में एक सीट की पेशकश कर रहे हैं। हम कांग्रेस पार्टी को 1 सीट और आप को 6 सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव देते हैं।
बता दें कि 2019 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने सभी सात सीटें जीतकर क्लीन स्वीप किया था जबकि कांग्रेस 22 फीसदी से ज्यादा वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी जबकि AAP को कांग्रेस से भी कम वोट मिले थे। हालांकि 2019 के बाद से AAP ने दिल्ली के साथ-साथ पंजाब में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव और नगर निगम चुनाव में भाजपा और कांग्रेस को हराया। साथ ही पंजाब में कांग्रेस सरकार को भी उखाड़ फेंका था। आप और कांग्रेस पार्टी इंडिया गठबंधन के सहयोगी हैं और पंजाब और दिल्ली में सीट-बंटवारे समझौते पर चर्चा कर रहे हैं। हालांकि, उनकी राज्य इकाइयों ने गठबंधन बनाने में अनिच्छा दिखाई है।
सीट बंटवारे को अंतिम रूप देंगे : जयराम रमेश
इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोमवार को कहा कि विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ मजबूत है और इसके सभी सहयोगी जल्द ही आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को अंतिम रूप देंगे। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रमेश ने कहा कि नीतीश कुमार और राष्ट्रीय लोक दल के ‘इंडिया’ गठबंधन छोड़ने से मोर्चे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। एक सवाल के जवाब में रमेश ने कहा, ''इंडिया’ गठबंधन मजबूत है। नीतीश जी ने पलटी मारी है और रालोद भी वही करने की कोशिश कर रहा है। गठबंधन में 28 दल थे। अब दो दल कम हो गए।'' उन्होंने कहा, ''(लोकसभा चुनाव के लिए) सीट बंटवारे को लेकर आम आदमी पार्टी, द्रमुक, राकांपा, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और ममता बनर्जी जी के साथ चर्चा चल रही है। नीतीश और रालोद के अलग होने से गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हम मजबूत हैं और जल्द ही विभिन्न राज्यों में सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।'' (इनपुट-भाषा)