Wednesday, November 13, 2024
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कच्ची-पक्की हुई AAP-सपा और कांग्रेस की दोस्ती, ऐसे कैसे करेंगे एनडीए से मुकाबला?

उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस का गठबंधन हो गया है तो वहीं पांच राज्यों में आप और कांग्रेस के बीच डील तय हो गई है कि कौन कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगा। इस दोस्ती को लेकर कांग्रेस के नेता नाराज हैं तो क्या इस तरह तीनों पार्टियों मिलेकर भाजपा का मुकाबला कर सकेंगी।

Written By: Kajal Kumari @lallkajal
Updated on: February 25, 2024 9:38 IST
congress sp aap friendship- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO आप-कांग्रेस और सपा की दोस्ती

लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजने ही वाली है, इससे पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष जोर-शोर से चुनाव की तैयारियों में जुटा हुआ है। जोड़-तोड़ और दोस्ती की राजनीति के साथ ही जनता से किए जाने वाले लुभावने वादों के साथ ही एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप भी चरम पर हैं। एक तरफ सत्ता पक्ष भाजपा नीत एनडीए ने 400 सीटों पर इसबार जीत का दावा किया है तो वहीं विपक्ष भी एकजुट होने के प्रसास में जुटा हुआ है। टुकड़ों-टुकड़ों में बंटा कमजोर विपक्ष मजबूत सत्तापक्ष का कैसे मुकाबला करेंगे ये देखने वाली बात होगी लेकिन एकजुट होने के प्रयास जारी हैं।

काफी पहले बने विपक्षी इंडिया गुट की नींव पड़ी लेकिन उसके बाद सीट शेयरिंग की बात को लेकर हुए मतभेद के बाद इंडिया गठबंधन बिखर गया था। कांग्रेस की जिद के कारण कमजोर पड़ा विपक्ष अब एकबार फिर एनडीए को शिकस्त देने के लिए एकजुट होने की कवायद शुरू कर दी है। पहले यूपी में राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया और अब उसने दिल्ली और पंजाब में सत्ता संभाव रही आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर पांच राज्यों में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

आप और कांग्रेस का गठबंधन

विपक्ष भले ही एकजुटता दिखाने की बात करे लेकिन उसे मजबूत होने के लिए और एनडीए से मुकाबला करने के लिए काफी मेहनत करनी होगी। यूपी में सपा और कांग्रेस के गठबंधन के बाद आम आदमी पार्टी  और कांग्रेस ने शनिवार को आगामी लोकसभा चुनावों के लिए दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, चंडीगढ़ और गोवा में सीट-बंटवारे की घोषणा की है। गुजरात में कांग्रेस जहां 24 सीटों पर तो वहीं आम आदमी पार्टी  2 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हरियाणा में कांग्रेस 9 सीटों पर  तो वहीं AAP एक सीट पर चुनाव लड़ेगी; दिल्ली में AAP चार सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो कांग्रेस 3 सीटों पर। लेकिन पंजाब के लिए दोनों पार्टियों के बीच सहमति नहीं बन पाई.... इसलिए वहां फ्रेंडली फाइट होगी। 

सीटों का हुआ बंटवारा

कांंग्रेस और आप के बीच हुए गठबंधन को लेकर कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने कहा कि AAP दिल्ली में  - नई दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली से चुनाव लड़ेगी और कांग्रेस चांदनी चौक,  पूर्वी और उत्तर पश्चिमी दिल्ली से चुनाव लड़ेगी। वासनिक ने कहा, हरियाणा में कांग्रेस नौ लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ेगी, जबकि कुरूक्षेत्र से एक सीट आप को दी गई है। कांग्रेस गुजरात में 24 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि आम आदमी पार्टी भावनगर और भरूच सीटों पर अपनी किस्मत आजमाएगी। कांग्रेस ने ये भी कहा है कि वह चंडीगढ़ और गोवा की दो लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।

देश महत्वपूर्ण है, कोई पार्टी नहीं

वासनिक ने कहा कि आप और कांग्रेस दोनों अपने-अपने चुनाव चिन्हों पर चुनाव लड़ेंगे, वे लोकसभा चुनाव संयुक्त रूप से लड़ेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा, "भारतीय लोकतंत्र के खिलाफ प्रतिकूल चुनौतियों से लड़ने" के लिए सीट-बंटवारे की घोषणा की गई है, गठबंधन के लिए, "देश महत्वपूर्ण है, कोई पार्टी नहीं। वासनिक ने कहा, "विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है। किसानों को अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी दलों ने अपने मतभेदों को दरकिनार कर दिया है और एक साथ आ गए हैं। हम भाजपा की रणनीति को विफल कर देंगे। पार्टियाँ न केवल व्यक्तिगत रूप से चुनाव लड़ रही हैं, हम इंडिया ब्लॉक के तहत संयुक्त रूप से लड़ रहे हैं।"

आप नेता संदीप पाठक ने  कहा, "यह देखते हुए कि कैसे चुनाव लूटे जा रहे हैं, किसानों का शोषण किया जा रहा है और संस्थानों से समझौता किया जा रहा है, हमने अपने मतभेदों को किनारे रखकर एक मजबूत विकल्प देने का फैसला किया है। हमारा गठबंधन भाजपा के समीकरण को बिगाड़ देगा।"

यूपी में हुआ कांग्रेस और सपा का गठबंधन

आप-कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर सहमति कांग्रेस और अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच आगामी लोकसभा चुनावों के लिए उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे पर सहमति बनने के बाद आई है। कांग्रेस यूपी में 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और शेष 63 सीटें सपा और इंडिया ब्लॉक के अन्य गठबंधन सहयोगियों के लिए होंगी। समझौते के मुताबिक, कांग्रेस अपने गढ़ों-रायबरेली और अमेठी में उम्मीदवार उतारेगी। कांग्रेस कानपुर नगर, फ़तेहपुर सीकरी, बासगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महाराजगंज, अमरोहा, झाँसी, बुलन्दशहर, ग़ाज़ियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया में भी चुनाव लड़ेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी सीट पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार उतारेगी।

कांग्रेस-सपा को महंगी पड़ सकती  दोस्ती

गठबंधन के कारण कांग्रेस की आम आदमी पार्टी और सपा से दोस्ती महंगी पड़ सकती है, क्योंकि उसके उम्मीदवार नाराज हो सकते हैं। यूपी में कई ऐसी सीटें समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई हैं। जहां से कांग्रेस पहले चुनाव लड़ती रही है। गुजरात में भरूच सीट की बात करें तो यह आप के खाते में चली गई है। इसे लेकर कांग्रेस नेताओं की नाराजगी सामने आई है और कहा जा रहा है कि ये नेता विकल्प चुन सकते हैं। गुजरात में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे दिवंगत अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल को उम्मीद थी कि पार्टी भरूच से उन्हें या उनके भाई फैसल को अपना लोकसभा उम्मीदवार बनाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

बता दें कि भरूच अहमद पटेल की पारंपरिक सीट रही है और वह यहां से 3 बार लोकसभा के सांसद रहे हैं। अब कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन के बाद यह सीट आप के घाते में चला गया है जिसके बाद मुमताज पटेल ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा, 'गठबंधन में भरूच लोकसभा सीट सुरक्षित नहीं कर पाने के लिए हमारे जिला कैडर से दिल की गहराइयों से माफी मांगती हूं। मैं आपकी निराशा समझ सकती हूं। साथ मिलकर, हम कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए फिर से संगठित होंगे। हम अहमद पटेल की 45 साल की विरासत को व्यर्थ नहीं जाने देंगे'।

वहीं यूपी में कांग्रेस और सपा की दोस्ती की वजह से यूपी की फर्रुखाबाद सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद नाराज हैं, क्योंकि इस दोस्ती के बाद यह सीट समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई है।नाराज सलमान खुर्शीद ने अपने X हैंडल के पोस्ट में लिखा- 'फ़र्रुखाबाद से मेरे रिश्तों के कितने इम्तहान का सामना करना पड़ेगा? सवाल मेरा नहीं, पर हमारे सब के मुस्तकबिल का है। आने वाली नस्लों का है। किस्मत के फैसलों के सामने कभी झुका नहीं, टूट सकता हूं, झुकूंगा नहीं। तुम साथ देने का वादा करो, मैं नगमे सुनाता रहूं।' 

वहीं, लखीमपुर खीरी सीट से कांग्रेस के रवि वर्मा अपनी बेटी पूर्वी वर्मा को टिकट मिलने की आस लगाए बैठे थे लेकिन गठबंधन के बाद यह सीट अब सपा के खाते में चली गई है। बसपा को छोड़कर कांग्रेस में आए पूर्व मंत्री नकुल दुबे सीतापुर और लखनऊ सीटों में से किसी एक पर टिकट की आस लगाए बैठे थे, अब लखनऊ सीट सपा के पास चली गई है। 

वहीं सीतापुर से कांग्रेस पूर्व विधायक राकेश राठौर को उतारने की तैयारी में है। पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी जालौन से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में थे, लेकिन यह सीट भी सपा ने ले ली है तो इन सीटों पर चुनावी गणित गड़बड़ हो सकता है।

कांग्रेस यूपी में सपा के साथ गठबंधन में जिन 17 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी उनमें रायबरेली, अमेठी, कानपुर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलदंशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया शामिल हैं। इन सीटों पर दोनों पार्टियों के नेताओं की नाराजगी सामने आ सकती है। 

 

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