Sunday, December 22, 2024
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सांसद राघव चड्ढा को कोर्ट ने दिया बड़ा झटका, खाली करना पड़ेगा सरकारी बंगला

कोर्ट ने कहा कि राघव यह दावा नहीं कर सकते कि उन्हें पूरे कार्यकाल तक सरकारी आवास पर कब्जा रखने का अधिकार है। वहीं, राघव चड्ढा ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए सरकार पर प्रतिशोध की राजनीति करने का आरोप लगाया है।

Reported By : Bhaskar Mishra Edited By : Subhash Kumar Published : Oct 06, 2023 22:50 IST, Updated : Oct 07, 2023 0:00 IST
AAP सांसद राघव चड्ढा।
Image Source : PTI AAP सांसद राघव चड्ढा।

आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने राघव चड्ढा को अपने टाइप 7 बंगले को खाली करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने राज्यसभा सचिवालय के नोटिस को सही ठहकाते हुए सांसद राघव चड्ढा से बंगला खाली कराए जाने की प्रक्रिया पर लगी रोक को हटा दिया है। आइए जानत हैं कि क्या है ये पूरा मामला।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, सांसद राघव चड्ढा को पिछले साल छह जुलाई को पंडारा पार्क में टाइप-6 बंगला आवंटित किया गया था। हालांकि, सांसद ने 29 अगस्त को राज्यसभा के सभापति से टाइप-7 आवास आवंटित करने का अनुरोध किया था। इसके बाद उन्हें एक नया बंगला आवंटित किया गया था। हालांकि, इस साल मार्च महीने में राज्यसभा सचिवालय द्वारा इस आवंटन को रद्द कर दिया गया था। 

कोर्ट गए थे राघव
राज्यसभा सचिवालय द्वारा टाइप-7 आवास को खाली कराए जाने के खिलाफ सांसद राघव चड्ढा कोर्ट चले गए थे। राज्यसभा सचिवालय के वकील ने कहा था कि राज्यसभा सांसद होने के नाते राघव चड्ढा को टाइप 6 बंगला आवंटित करने का अधिकार है, न कि टाइप 7 बंगला। अदालत ने अप्रैल माह में सचिवालय को निर्देश दिया था कि आवेदन के लंबित रहने तक कानून की निर्धारित प्रक्रिया के बिना चड्ढा को बंगले से बेदखल नहीं किया जाए। हालांकि, अब कोर्ट ने इस रोक को हटा लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट ने कहा कि राघव यह दावा नहीं कर सकते कि उन्हें पूरे कार्यकाल तक सरकारी आवास पर कब्जा रखने का अधिकार है। ये बस उन्हें दिया गया विशेषाधिकार है। 

क्या बोले राघव चड्ढा?
कोर्ट के फैसले के बाद राघव चड्ढा का भी बयान सामने आया है। सांसद ने कहा कि आवंटित आधिकारिक आवास को बिना किसी सूचना के रद्द करना मनमाना था। राज्यसभा के 70 से अधिक वर्षों के इतिहास में यह पहली बार है कि एक मौजूदा राज्यसभा सदस्य को उसके विधिवत आवंटित आवास से हटाने की मांग की जा रही है। जबकि उनका कार्यकाल 4 साल से अधिक का है। राघव ने आरोप लगाया कि राज्यसभा सदस्य अपनी पात्रता से अधिक आवासों में रह रहे हैं। उन्होंने सत्ता पक्ष पर प्रतिशोध की राजनीति करने का आरोप लगाया है। 

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