JP Nadda in Aap Ki Adalat: आप की अदालत के नए एपिसोड में इस बार भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शिरकत की। इस दौरान नड्डा ने पहली बार उस पर्दे के पीछे की कहानी का खुलासा किया जिसके चलते एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने और देवेंद्र फडणवीस उनके डिप्टी बने। जेपी नड्डा शनिवार को देश के सबसे लोकप्रिय शो 'आप की अदालत' में आए जहां उन्होंने इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के तीखे सवालों का सामना किया। इस दौरान उन्होंने शिवसेना के विभाजन के बारे में भी बात की।
जब बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस में नड्डा ने किया था फोन
जेपी नड्डा ने महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले साल हुई उठापटक के बारे में बात करते हुए कहा, उन्होंने कहा, "ऐसा हुआ था। लेकिन फडणवीस को 'दूल्हा' बनाकर सवारी करने के लिए 'घोड़ा' तैयार नहीं किया गया था। माहौल ऐसा था कि एकनाथ शिंदे को ही सीएम बनाया जाना था। यह पहले से तय था।" जिस वक्त पूर्व सीएम फडणवीस प्रेस कॉन्फ्रेंस संबोधित कर रहे थे, तब नड्डा ने उन्हें फोन करके डिप्टी सीएम बनने के लिए क्यों मजबूर किया? इस पर बीजेपी अध्यक्ष ने जवाब दिया, "उन्होंने सीएम बनने का मन नहीं बनाया था, लेकिन हमें लगा, वह एक अनुभवी नेता हैं, महाराष्ट्र के बारे में बहुत कुछ जानते हैं। उनकी इस काबिलियत के कारण उनका कैबिनेट में रहना बेहतर होगा। एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया गया और देवेंद्र को डिप्टी सीएम बनाया गया। इसमें मैं देवेंद्र की तारीफ करना चाहूंगा, क्योंकि उन्होंने पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर बिना किसी आपत्ति के सीधे हामी भर दी थी। उन्होंने कहा, यह आपका आदेश है और मुझे मंजूर है और उन्होंने डिप्टी सीएम की शपथ ली।"
क्या उद्धव ठाकरे से दोबार होगा गठजोड़?
जब रजत शर्मा ने जेपी नड्डा से पूछा कि क्या उद्धव ठाकरे के साथ दोबारा गठजोड़ और शिवसेना के दोनों समूहों को एकजुट करने के लिए क्या कोई रास्ता बचा है, इस पर नड्डा ने जवाब दिया, "मुझे ऐसा नहीं लगता। मुझे नहीं लगता कि ऐसी स्थिति पैदा होगी, क्योंकि माहौल ऐसा है। हमें आगे बढ़ना है, और उनके (शिंदे समूह) के साथ हमारा समझौता अच्छा है। हम साथ रहेंगे।"
"भाजपा ने ढाई-ढाई साल सीएम वाला कोई वादा नहीं किया"
इतना ही नहीं इस दौरान नड्डा ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के इस आरोप को भी सिरे से खारिज कर दिया कि भाजपा ने ढाई साल के बारी-बारी से शासन का वादा किया था और बाद में मुकर गई। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, "यह पूरी तरह से झूठ है कि बीजेपी ने उन्हें धोखा दिया। चुनाव के दौरान हर मंच से फडणवीस को सीएम उम्मीदवार के रूप में पेश किया गया। उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जा रहा था और नारा था 'दिल्ली में नरेंद्र और महाराष्ट्र में' देवेंद्र'"। उस दौरान शिवसेना के किसी नेता ने आपत्ति नहीं जताई। लेकिन चुनाव के बाद, उन्होंने शरद पवार और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया। उन्होंने हमसे बात नहीं की। वह सीएम बनना चाहते थे। उनकी (उद्धव की) सबसे बड़ी महत्वाकांक्षा सीएम बनने की थी और उनके जीवन की महत्वाकांक्षा पूरी हो रही थी। यह वे थे जिसने हमारी पीठ में छुरा घोंपा था। यही उनका चरित्र रहा है।"