चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज पार्टी के समन्वयक प्रशांत किशोर 'आप की अदालत' कार्यक्रम में शामिल हुए। इंडिया टीवी के चेयरमैन व एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने प्रशांत किशोर से राजनीतिक गतिविधियों पर कई धारदार सवाल पूछे। प्रशांत किशोर ने रजत शर्मा के सवालों को बड़े ही बेबाक अंदाज में जवाब दिया।
क्या मतभेदों की वजह से हुई हार?
रजत शर्मा ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से पूछा कि क्या यूपी में चुनावी हार योगी आदित्यनाथ और अमित शाह के बीच कथित मतभेदों की वजह से हुई है? इस सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा, 'मैं इसे व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता के रूप में नहीं देखता। लेकिन अगर आप व्यापक परिप्रेक्ष्य से देखें तो मैं 2009 के लोकसभा चुनावों का उदाहरण दे सकता हूं।'
प्रशांत किशोर ने 2009 का सुनाया वाकया
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, 'उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और लालकृष्ण आडवाणी बीजेपी के राष्ट्रीय नेता थे। 2009 में गुजरात में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मोदी के समर्थकों ने आडवाणी के अभियान को नुकसान पहुंचाया। जो संदेश गया वह यह था कि अगर आडवाणी जीत गए, तो हमारे नेता मोदी को पीएम बनने में अधिक समय लगेगा। शायद इस बार उत्तर प्रदेश में यही हुआ हो।'
केजरीवाल ने जो कहा, वह सही साबित हुआ
प्रशांत किशोर ने कहा, 'कुछ लोगों को लगा कि अगर नरेंद्र मोदी और अमित शाह भारी बहुमत से जीत गए तो योगी की कुर्सी चली जाएगी। उस समय केजरीवाल ने योगी के बारे में जो कहा, वह सही साबित हुआ।'
योगी के समर्थकों के बीच जरूर गया होगा संदेश- प्रशांत किशोर
रजत शर्मा को सवाल का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, 'बिहार में भी मेरी पदयात्रा के दौरान लोगों ने मुझसे पूछा कि अगर बीजेपी 400 सीटें जीत गई तो क्या योगी को हटा दिया जाएगा? ऐसा नहीं है कि योगी ने अपने समर्थकों से बीजेपी उम्मीदवारों को हराने के लिए कहा हो। यह मेरा विषय नहीं है और मैं आमतौर पर ऐसे मामलों पर नहीं बोलता। लेकिन योगी के समर्थकों के बीच संदेश जरूर गया है।'
ये भी पढ़ें: 'राजनीतिक आकलन करने वाले भगवान नहीं', जानिए ऐसा क्यों बोले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर?