नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी दलों को साथ लेकर मणिपुर में शांति रैली करें, तो हम भी उसमें शामिल होंगे। गौरतलब है कि मणिपुर में पिछले तीन महीने से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय हिंसा जारी है।
इंडिया टीवी पर प्रसारित 'आप की अदालत' शो में रजत शर्मा के सवालों के जवाब में अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'मेरा सुझाव है कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री की अगुवाई में मणिपुर जाकर शांति रैली करे और वहां की जनता को आश्वासन दे कि डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि पूरा देश आपके साथ खड़ा है। हमने सदन में लिखित में यह सुझाव दिया था लेकिन वो माने नहीं। बहुमत का बाहुबली हावी रहा।'
कांग्रेस नेता से रजत शर्मा ने पूछा कि वे मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बोलने से पहले ही सदन से क्यों वॉकआउट कर गये? इस पर अधीर ने कहा, 'प्रधानमंत्री अपने सवा दो घंटे के भाषण में सिर्फ आखिर में केवल तीन मिनट के लिए मणिपुर पर बोले। हम इंतजार करते रहे कि वह मणिपुर पर बोलेंगे, पर वो बोले नहीं। उन्हीं की पार्टी के मंत्री उनके दो घंटे के भाषण के दौरान बैठे-बैठे झक मारते रहे, सोते रहे, ऊंघते रहे। वे नारे भी लगाए लेकिन फिर उन्हें नींद आ गई। अगर हमें पता होता कि प्रधानमंत्री मणिपुर पर बोलेंगे तो हम सदन से वॉकआउट न करते।'
नीरव मोदी, धृतराष्ट्र और सोनिया पर क्या बोले अधीर?
अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री की तुलना महाभारत काल के राजा धृतराष्ट्र और भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी से क्यों की। उनकी इन टिप्पणियों के कारण सदन उन्हें विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित कर चुका है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि मणिपुर की दुर्दशा ऐसी है कि राज्य दो हिस्सों में बंट चुका है। पुलिस के शस्त्रागारों से हजारों हथियार और लाखों गोलियां लूटी गई हैं। गृह मंत्री ने खुद कहा कि दोनों समुदाय वाले इलाकों के बीच एक बफर ज़ोन बनाया गया है, जहां सेना तैनात है।
27 लाख की आबादी वाले मणिपुर में तीन महीने से हिंसा जारी है। शवगृहों से लोग अपने परिजनों की लाशें निकल कर उनका अंतिम संस्कार तक नहीं करा पा रहे हैं। सत्र शुरु होने पर हम बेसब्री से इंतजार कर रहे थे कि प्रधानमंत्री कुछ बोलेंगे। प्रधानमंत्री को सदन में लाने के लिए हमें अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा।
अधीर ने कहा कि धृतराष्ट्र के राजा रहते द्रौपदी का चीरहरण हुआ था। आज भी मणिपुर में हमारे घर की द्रौपदियों का चीरहरण हुआ, तो हस्तिनापुर और मणिपुर में क्या फर्क रह गया? उस समय राजा अंधे थे, शायद आज भी राजा अंधा है। नीरव मोदी के बारे में मैने नरेंद्र और नीरव शब्द का जिक्र किया। नरेंद्र का मतलब होता है नरों का राजा, और नीरव का मुतलब होता है साइलेंट। मनुष्यों के राजा नरेंद्र क्यों मणिपुर पर चुप हैं? नरेंद्र मोदी आज नीरव क्यों हैं? ये कहने में अगर मेरी गलती है, तो मैं फांसी के फंदे पर चढ़ने के लिये तैयार हूं। विशेषाधिकार समिति में क्या होता, वो बाद की बात है, अगर मैं गलत साबित होता हूं तो मैं सीरियसली राजनीतिक जीवन से विदा ले लूंगा।
कांग्रेस नेता ने पलटवार करते हुए कहा कि कैसे सदन में पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के नाम पर गालियां दी गईं। मेरे पास सोनिया जी सदन में बैठती हैं, उन्हें बार बार 'इटली-इटली' कहा गया। क्या इटली में पैदा होना गुनाह है? जब बहू ससुराल आती है, तो उसका परिचय पति के परिवार से होता है, ये हमारी तहजीब है। क्या हम इस बात को नकार सकते हैं कि इंदिरा जी, राजीव जी ने देश के लिये शहादत दी थी? 2004 में अगर सोनिया जी 'हां' बोलतीं, तो वह प्रधानमंत्री बन सकती थीं। राहुल गांधी अगर 'हां' बोलते, तो प्रधानमंत्री बन सकते थे। हमने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनवाया। अभी राहुल जी की सदस्यता खारित होते ही उन्हें सरकारी घर से बेदखल कर दिया गया, जबकि दिल्ली में सैकड़ों बीजेपी के नेता हैं, जो संसद सदस्य नहीं है, लेकिन सरकारी बंगले में रहते हैं। क्या ये प्रतिशोधी सियासत देश के लिए अच्छी है?
ममता बनर्जी और बंगाल की राजनीति पर क्या बोले अधीर?
आम तौर पर ममता बनर्जी की आलोचना करने वाले अधीर रंजन चौधरी इस शो में ममता के बारे में कुछ भी कहते वक्त काफी सतर्क नजर आए। जब रजत शर्मा ने कहा कि पटना में जिस समय विपक्षी दलों की बैठक चल रही थी, उस वक्त उन्होंने बंगाल में ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक को चोर और तृणमूल कांग्रेस को चोरों की पार्टी कहा था। इस पर अधीर चौधरी ने कहा, 'पटना का मुद्दा अलग है, बंगाल का मुद्दा अलग है। उस समय बंगाल में पंचायत चुनाव चल रहा था।'
जब रजत शर्मा ने कहा कि उन्होंने (अधीर) ममता को 'मोदी की दलाल' तक कह दिया था, तो अधीर ने कहा, 'राष्ट्रीय स्तर पर समझें। INDIA गठबंधन बनने के बाद से पीएम मोदी घबराये हुए हैं और मैं उनकी घबराहट को कम नहीं करना चाहता। ये सही है बंगाल में अब भी हिंसा हो रही है, हत्याएं हो रही हैं, बम फोड़े जा रहे हैं। अभी भी वहां कुछ भी ठीक नहीं है। जो करना है, हम लोकल करते हैं। तालाब और नदी में फर्क तो है। बंगाल मेरे लिए तालाब समान है, जबकि यह देश एक नदी, दरिया जैसा है। तालाब की बजाय हमें दरिया को तवज्जो देना पड़ेगा। लेकिन मैंने जो कह दिया, सो कह दिया। मैं कोई पीठ पीछे आलोचना करने वालों में नहीं हूं।'
इस सवाल पर कि आप मोदी और ममता में किसे अपना बड़ा दुश्मन मानते हैं, अधीर चौधरी ने सवाल को टालते हुए कहा, 'मैं किसी को दुश्मन नहीं मानता। वे हमारे दुश्मन नहीं, प्रतिद्वंदी हैं। प्रधानमंत्री देश के हैं, और उनके प्रति मेरा पूरा सम्मान है, ममता जी हमारे राज्य की मुख्यमंत्री हैं, उनके प्रति भी सम्मान है, लेकिन जब आम जनता के सवाल उठते हैं तो हम जरूर उठाते हैं। हमारी लड़ाई व्यक्तिगत नहीं, राजनीतिक और वैचारिक है।' ममता से दोस्ती की संभावना के बारे में पूछे जाने पर अधीर चौधरी ने कहा, 'राजनीति संभावनाओं की कला है।'
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के साथ 'आप की अदालत' शो आज रात 10 बजे इंडिया टीवी पर पुन: प्रसारित किया जाएगा।
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