नयी दिल्ली: चुनाव आयोग से आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय दल का दर्जा मिल गया है जबकि टीएमसी, एनसीपी और सीपीआई का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छिन गया है। चुनाव आयोग का कहना है कि जिन दलों का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छिना है उन्हें 2 संसदीय चुनावों और 21 राज्यों के विधानसभा चुनावों में पर्याप्त मौका दिया गया था लेकिन वे राष्ट्रीय दल के मानकों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए इसलिए उनका दर्जा छिन गया। अब हम आपको बताएंगे कि किसी भी दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा कैसे मिलता है और उससे क्या फायदा होता है।
कैसे मिलता है राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा
किसी भी दल को राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता चुनाव आयोग की तरफ से दी जाती है। इसके लिए कुछ निर्धारित पैमाने और मापदंड हैं जिन्हें पूरा करना होता है। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए किसी भी दल को निम्न में से कोई एक शर्त पूरी करनी होती है।
- कोई भी पार्टी जिसे चार राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा प्राप्त हो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल हो जाता है।
- कोई दल तीन अलग-अलग राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 2 फीसदी सीटें जीतती है यानी कम से कम 11 सीटें जीतना जरूरी होता है लेकिन ये 11 सीटें किसी एक राज्य से न होकर 3 अलग-अलग राज्यों से होनी चाहिए।
- अगर कोई पार्टी 4 लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा या विधानसभा चुनाव में 4 राज्यों में 6 प्रतिशत वोट हासिल करती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है।
गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 5 सीटें मिली जबकि 13 प्रतिशत वोट हासिल हुए। वहीं पंजाब में 42.01 फीसदी वोट मिले। दिल्ली में 54 फीसदी और गोवा में 6.77 फीसदी वोट मिले। इससे आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय दल मिलने की दावेदारी मजबूत हो गई।
राष्ट्रीय दल का दर्जा मिलने से AAP को होंगे ये फायदे
राष्ट्रीय दल का दर्जा मिल जाने आम आदमी पार्टी देश में कहीं भी चुनाव लड़ सकेगी। किसी भी राज्य में उम्मीदवार खड़ा कर सकेगी। वहीं पार्टी को पूरे देश में चुनाव लड़ने के लिए एक चुनाव चिह्न मिल जाता है। कोई और पार्टी उस चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल नहीं कर सकती है। इसके साथ ही दिल्ली में केंद्रीय दफ्तर खोलने का हक मिल जाता है और सरकार की तरफ से जमीन या बिल्डिंग मिल जाती है। चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी 40 स्टार प्रचारकों को उतार सकती है। इनका खर्च पार्टी प्रत्याशी के चुनावी खर्च में शामिल नहीं होता है। दूरदर्शन और आकाशवाणी के जरिए लोगों तक संदेश पहुंचाने के लिए टाइम स्लॉट समय मिल जाता है।
राष्ट्रीय दल का दर्जा छिनने पर टीएमसी,एनसीपी और सीपीआई को होगा ये नुकसान
राष्ट्रीय दल का दर्जा छिन जाने पर ईवीएम या बैलेट पेपर पर शुरुआत में पार्टी का चुनाव चिन्ह नहीं दिखाई देगा। वहीं चुनाव आयोग की बैठक में ये जरूरी नहीं होगा कि इन दलों को भी बुलाया जाए। इसके साथ ही इन दलों के राजनीतिक फंडिंग पर असर पड़ सकता है। दूरदर्शन और आकाशवाणी पर मिलने वाला टाइम स्लॉट छिन जाएगा । इसके साथ ही राज्यों में चुनाव लड़ने के लिए अलग सिंबल लेना होगा।
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