हरियाणा में 90 सीटों पर विधानसभा चुनाव के लिए पांच अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे और नतीजे आठ अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी तेज है और राजनीतिक पार्टियों में भगदड़ मची है। इस बीच हरियाणा में लोकसभा चुनाव में साथ लड़ने वाले दो दलों के बीच गठबंधन की उम्मीद अब टूट गई है। वो दोनों दल हैं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, दोनों के बीच कई दौर की बातचीत हुई लेकिन वो बेनतीजा रही। अब शायद दोनों राष्ट्रीय पार्टियां हरियाणा में अलग-अलग ही विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी।
पिछले सप्ताह से दोनों पार्टियों के बीच बातों मुलाकातों का दौर जारी रहा और बातचीत के फाइनल नतीजे से पहले कांग्रेस ने 32 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी और फिर अपने नौ उम्मीदवारों की दूसरी सूची भी रविवार को जारी कर दी। उसके बाद भी दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत जारी रही। इस बीच सोमवार को आम आदमी पार्टी ने भी अपने 20 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। आप की सूची जारी होने से पहले गठबंधन को लेकर जो उम्मीदें जगी थीं वो सूची जारी होने के साथ ही खत्म हो गई।
इस वजह से गठबंधन पर नहीं बनी बात
गठबंधन नहीं होने के पीछे की वजह बताई जा रही है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ था और सीट बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों के बीच आम सहमति नहीं बन पाई। बता दें कि दोनों दलों ने लोकसभा चुनाव में गठबंधन किया था, कांग्रेस नौ और आप एक सीट पर चुनाव लड़ी थी। विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी कम से कम 10 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन कांग्रेस तीन से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं थी। जानकारी के मुताबिक आम आदमी पार्टी कलायत और कुरूक्षेत्र सीट में कम से कम एक सीट मांग रही थी।
कांग्रेस में उठे थे गठबंधन को लेकर विरोध के स्वर
गठबंधन का पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला दोनों कांग्रेस नेता विरोध कर रहे थे। दोनों का कहना था कि हरियाणा में इस समय कांग्रेस के पक्ष में माहौल है। इसके साथ ही गठबंधन के फैसले पर बनी कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में गठबंधन नहीं करने करने की सलाह दी थी। वहीं कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह ने भी दावा किया कि कांग्रेस सरकार बनाने की अच्छी स्थिति में है.और आज हम भारी बहुमत के साथ सरकार बनाने की अच्छी स्थिति में हैं।
दोनों पार्टी के नेताओं ने कही ये बात
गठबंधन को लेकर कांग्रेस नेता दीपक बाबरिया ने कहा कि यह गठबंधन तभी सफल होगा जब यह दोनों पार्टियों के लिए जीत का फॉर्मूला तय करेगा। वहीं हरियाणा आप प्रमुख सुशील गुप्ता ने कहा कि अगर कांग्रेस शाम तक कोई निर्णय नहीं ले पाती है तो वे सभी 90 उम्मीदवारों की पूरी सूची जारी करेंगे। सुशील गुप्ता ने कहा अब चुनाव के लिए बहुत कम समय बचा है। हमने ईमानदारी से गठबंधन के लिए इंतजार किया। हमने अपना धैर्य दिखाया और उसके बाद, हमने अपनी सूची जारी की।
सीटों पर कांग्रेस और आप ने कर लिया फैसला
बता दें कि आम आदमी पार्टी ने अपनी हरियाणा इकाई के उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा को कलायत से और इंदु शर्मा को भिवानी से, महम से विकास नेहरा और रोहतक से बिजेंद्र हुडा को मैदान में उतारा है। आप की 20 उम्मीदवारों की लिस्ट में 11 सीटें ऐसी हैं जिसपर कांग्रेस पहले ही उम्मीदवार उतार चुकी है। बता दें कि कांग्रेस पहले ही 41 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है और 49 उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देकर पार्टी नेतृत्व को भेज दिया है। इससे साफ है कि आप और कांग्रेस में गठबंधन पर बात नहीं बनी है। हालांकि गठबंधन को लेकर अभी तक दोनों पार्टियों ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
12 सितंबर तक नामांकन दाखिल करना है
आप की पहली सूची जारी होने के बाद कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, "यहां तक कि हमारी सूची भी जारी हो गई है... मुद्दा भाजपा सरकार के 10 साल के कुशासन का है। 10 साल में, भाजपा ने हरियाणा राज्य को प्रगति और विकास के ट्रैक से उतार दिया है। आज हरियाणा बेरोजगारी में नंबर वन है, अपराध में हरियाणा नंबर वन है, आज हरियाणा नशे में पंजाब से आगे निकल गया है। राज्य में नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 12 सितंबर है।
आप-कांग्रेस का भाजपा को हराने का ऐलान, बीजेपी ने कसा तंज
आम आदमी द्वारा 20 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने पर आप सांसद संजय सिंह ने कहा, ''12 तारीख तक नामांकन करना होगा, बहुत कम समय बचा है और हमारी प्राथमिकता भारतीय जनता पार्टी को हटाना है। आज एक सूची 20 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी गई है, मैं उन सभी को अरविंद केजरीवाल की ओर से हार्दिक बधाई देता हूं और हम 5 गारंटी को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हरियाणा में आम आदमी पार्टी मजबूती से चुनाव लड़ेगी। "
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा, "कांग्रेस आ रही है, बीजेपी जा रही है हरियाणा में।" तो बीजेपी नेता अनिल विज ने तंज कसा, "आप-कांग्रेस गठबंधन कर एक साथ चुनाव लड़ना चाहते थे। आप ने कांग्रेस को 'ठेंगा' दिखाया है और अपनी सूची जारी कर दी है।"