चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह और केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के बीच 'लंगर' पर जीएसटी वापसी के मुद्दे को लेकर ट्विटर पर तीखी बयान बाजी का दौर थमता नहीं दिख रहा। हरसिमरत ने अमरिन्दर से स्वर्ण मंदिर में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के लिये सामुदायिक रसोई के लिए खरीदी गई वस्तुओं के लिये एकत्रित माल और सेवा कर (जीएसटी) की शेष राशि को वापस करने के लिए कहा था, जिसपर अमरिन्दर ने कुछ दिन पहले तो हरसिमरत को आदतन झूठा करार दिया और फिर बुधवार को कहा कि जितना मैंने सोचा था आप उससे भी ज्यादा मूर्ख निकलीं।
अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को ट्वीट किया, "हरमिसरत जितना मैंने सोचा था, आप उससे भी ज्यादा मूर्ख निकलीं। मैं स्पष्ट रूप से कह चुका हूं कि दावा की गई राशि का भुगतान हमने कर दिया है। आप लोग किस तरह की सरकार चलाते थे? आप यह भी नहीं जानतीं कि दावों के बदले धनराशि का भुगतान होता है और इस प्रक्रिया में समय लगता है।"
सरकार ने मंगलवार को एसजीपीसी को 1.96 करोड़ रुपये जारी किए थे, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने दावा किया था कि स्वर्ण मंदिर में सामुदायिक रसोई के लिए खरीदी गई वस्तुओं के बदले 1.68 करोड़ रुपये दिये जाने अभी बाकी हैं।
इससे पहले सिंह ने एक बयान में कहा था, वह आदतन झूठी हैं और अपने क्षुद्र राजनीतिक लाभ के लिए उन्हें धर्म को बीच में लाने में भी शर्म नहीं आती। मुख्यमंत्री ने शिरोमणि अकाली दल नेता द्वारा लगाये गए आरोपों को खारिज किया और कहा कि ये झूठ का एक और पुलिंदा जो उनकी विकृत मानसिकता को दिखाता है, और ऐसा लगता है कि लोगों को मूर्ख बनाकर और उन्हें भ्रमित करके सुख मिलता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में (चार सीटों के लिए) आगामी विधानसभा उपचुनाव के लिए कोई अर्थपूर्ण राजनीतिक मुद्दे के अभाव में, हरसिमरत और अकाली का शेष नेतृत्व लोगों को झांसा देने के लिए पूरी तरह से झूठ का सहारा ले रहा है।’’
बठिंडा से शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत ने शनिवार को राज्य की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया था कि वह एसजीपीसी द्वारा लंगर के लिए की गई खरीद पर वसूली गई जीएसटी में अपनी हिस्सेदारी वापस नहीं कर रही है।
सिंह ने कहा, ‘‘तथ्य यह है कि राज्य सरकार ने स्वर्ण मंदिर, श्री दुर्ग्याणा मंदिर और श्री वाल्मीकि स्थल, राम तीरथ के संबंध में पंजाब के हिस्से के 100 प्रतिशत जीएसटी रिफंड को न केवल अधिसूचित किया है, बल्कि अमृतसर के उपायुक्त को इस वर्ष मई में चार करोड़ रुपये आवंटित भी किए थे।’’