भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के 16 नगर निगमों में से 14 पर शानदार जीत दर्ज की। इसके अलावा पार्टी ने प्रदेश की नगर पालिकाओं में और नगर पंचायतों में, हर स्तर पर ठोस जीत दर्ज करते हुए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को हाशिए पर ला दिया। इस जीत का श्रेय निश्चित रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है, जिन्होंने निकाय चुनावों के दौरान अधिकांश चुनावी रैलियों को संबोधित किया था।
हालांकि योगी ने इस जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विजन' और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की 'रणनीति' को दिया, लेकिन वास्तव में क्रेडिट उन्हीं को जाता है। यह योगी ही थे जो मतदाताओं के पास गए और उन्हें उन कामों के बारे में बताया जो उनकी सरकार ने पिछले 8 महीनों में किए थे। उत्तर प्रदेश के शहरों और कस्बों की जनता ने उनकी बात पर विश्वास किया और पार्टी के लिए बड़ी संख्या में मतदान किया। राजनीतिक रूप से भारत के सबसे महत्वपूर्ण प्रदेश में योगी की नजरें अब 2019 के लोकसभा चुनावों पर होंगी। उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों के परिणाम इस महीने होने जा रहे गुजरात विधानसभा चुनावों पर भी असर डालेंगे। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पहले ही अपनी खुद की पार्टी के भीतर दबाव झेल रहे हैं। राहुल गांधी अगले सप्ताह कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने हैं, लेकिन अब ये सवाल भी उठेंगे कि पार्टी को क्यों उनकी संसदीय सीट अमेठी में हार झेलनी पड़ी। राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर भी सवाल उठाए जाएंगे और उन्हें इनका जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा।
यूपी के निकाय चुनावों के नतीजों पर नजर डालें तो चार बातें बिल्कुल साफ नजर आ रही हैं। पहली तो यह कि उत्तर प्रदेश के शहरों और कस्बों में रह रहे लोगों पर GST का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है। दूसरी यह कि मोदी और अमित शाह का जादू उत्तर प्रदेश में अभी भी जारी है और इन चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन से राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठे हैं। तीसरी यह कि समाजवादी पार्टी लगभग हाशिए पर चली गई है और अखिलेश यादव की क्षमता के साथ-साथ राहुल से उनकी दोस्ती पर भी सवाल उठ रहे हैं। चौथी और अंतिम बात यह कि बहुजन समाज पार्टी ने दूसरे स्थान पर काबिज होकर वापसी की है और पार्टी ने केवल उन्हीं स्थानों पर अच्छा किया है जहां मुसलमानों की अच्छी-खासी आबादी है। इससे यह बात भी साफ हो जाती है कि उत्तर प्रदेश के मुसलमान ने सपा का हाथ छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया है। (रजत शर्मा)