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गंभीर मुद्दों से अपरिपक्व तरीके से निपट रहे अरविंद: योगेंद्र

वाराणसी: दिल्ली में मुख्यमंत्री-उपराज्यपाल के बीच बढ़ते टकराव को 'अहम' का मामला बताते हुए आप के निष्कासित नेता योगेंद्र यादव ने शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर वास्तविक मुद्दों से बेहद अपरिपक्व तरीके से निपटने

PTI
Updated on: June 07, 2015 12:25 IST
केजरीवाल-एलजी का...- India TV Hindi
केजरीवाल-एलजी का टकराव 'अहम' का मामला है

वाराणसी: दिल्ली में मुख्यमंत्री-उपराज्यपाल के बीच बढ़ते टकराव को 'अहम' का मामला बताते हुए आप के निष्कासित नेता योगेंद्र यादव ने शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर वास्तविक मुद्दों से बेहद अपरिपक्व तरीके से निपटने के लिए निशाना साधा।

शीर्ष नेतृत्व के साथ मतभेद सरेआम होने पर आप से बाहर किए जाने के बाद राजनीतिक मुहिम 'स्वराज अभियान' चलाने वाले यादव ने यह भी कहा कि अब उन्होंने राजनीतिक दल नहीं बनाने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि वह आप पर फोकस नहीं कर रहे हैं जो महज एक क्षेत्रीय पार्टी है, बल्कि उनका मंच देश में वैकल्पिक राजनीति को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है और यह बिहार और कुछ अन्य चुनावी राज्यों में कुछ उम्मीदवारों का समर्थन कर सकता है।

आप में घटनाक्रमों से 'ठगा हुआ' महसूस कर रहे लोगों को उनका संगठन एकजुट कर रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की शक्तियों के मुद्दे पर केजरीवाल ने जो नीति अपनाई है वह प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली है।

केजरीवाल का नाम लिए बिना यादव ने कहा, 'मुझे लगता है कि बहुत वास्तविक मुद्दे को बहुत ही अपरिपक्व तरीके से उठाया जा रहा है।' उन्होंने कहा, 'दिल्ली को पूर्ण राज्य होना चाहिए। दिल्ली की एक निर्वाचित सरकार के पास किसी भी अन्य निर्वाचित सरकार की तरह अधिकारियों की नियुक्ति और स्थानांतरण का अधिकार होना चाहिए। दुर्भाग्य है कि हमारा संविधान और कानून अभी इसकी इजाजत नहीं देता।'

यादव ने कहा, 'जहां हम थे और जहां हमें होना चाहिए उसमें बदलाव बहुत धैर्य, बातचीत और विनम्रता से होनी चाहिए।'

यादव ने कहा, 'दुर्भाग्य से हम जो देख रहे हैं वह टकराव है, अहम का टकराव, अस्थिरता है। मुझे डर है कि वास्तविक मुद्दों से इस तरह से निपटना प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला साबित होगा।' पूछे जाने पर कि खुद को पार्टी से बाहर किए जाने पर क्या उन्हें कोई अफसोस है, उन्होंने कहा, 'यह कहना मूर्खता होगा कि मुझे कोई पछतावा नहीं है, यह कहना बेवकूफी होगी कि मुझे इस तरह धक्के खाना पसंद है और यह नासमझी होगी कि इस तरह से पछतावा करते हुए जिंदगी गुजारी जाए।'

उन्होंने कहा कि राजनीति में पहली बार प्रवेश करने वाले लाखों लोग ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और स्वराज आंदोलन के जरिए उन्हें साथ लाया जा रहा है और देश में वैकल्पिक राजनीति के प्रति एक बार उनमें फिर उम्मीदें जगी हैं।

उनके और आप के एक और निष्कासित नेता प्रशांत भूषण द्वारा शुरू किए गए मंच की भूमिका का उल्लेख करते हुए यादव ने कहा, 'स्वराज अभियान देश में वैकल्पिक राजनीति को मजबूत करने की कोशिश है, लेकिन हमारे लिए राजनीति चुनाव लड़ने का लक्ष्य नहीं है और यह नहीं कि कैसे सरकार बनाई जाए।'

उन्होंने कहा, 'अभी के हिसाब से हम कोई राजनीतिक दल नहीं हैं इसलिए बिहार में स्वराज अभियान के तौर पर चुनाव लड़ने का कोई सवाल ही नहीं है।'

लेकिन क्योंकि हम एक राजनीतिक आंदोलन हैं इसलिए हम लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा, 'और यह काम हम एक वैकल्पिक एजेंडा देकर, जन जागरूकता फैलाकर और दागी उम्मीदवारों का विरोध करके तथा चुनाव में अनियमितताएं उजागर करके कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, 'कुछ चुनिंदा मामलों में हम प्रायोगिक तौर पर उन कुछ उम्मीदवारों का समर्थन कर सकते हैं जो किसी राजनीतिक दल से जुड़े हुए नहीं हैं।'

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