नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाल दिया। पार्टी ने योगेंद्र के समर्थकों आनंद कुमार और अजीत झा को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिया है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी से प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव सहित दो अन्य सदस्यों को निष्कासित करने के लिए पेश प्रस्ताव का 247 सदस्यों ने समर्थन किया।
आप के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने कहा कि आठ सदस्यों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया, जबकि दो सदस्यों ने लिखित असहमति दी। उन्होंने कहा कि 54 सदस्य मतदान प्रक्रिया से दूर रहे और उनमें से कई सदस्य मतदान से पहले ही बैठक छोड़ कर चले गए।
इस बैठक में 300 से अधिक सदस्यों ने हिस्सा लिया।
उधर, योगेंद्र और प्रशांत ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पार्टी पर अवैध वोटिंग कराने का आरोप लगाया।
योगेंद्र ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "बैठक में लोकपाल को नहीं आने दिया गया। गोपाल राय आनन-फानन में प्रस्ताव ले आए। हमने कहा कि इस पर चर्चा होनी चाहिए तो गोपाल राय ने कान बंद कर लिए और कहा कि लिखकर दीजिये। अभी हम कुछ करते कि मनीष सिसोदिया ने उस पर वोटिंग की शुरुआत करा दी और प्रस्ताव पारित करा लिया गया।"
उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लोकतंत्र की हत्या की गई। इसकी पटकथा पहले ही लिख ली गई थी। केजरीवाल के समर्थक हिंसा पर उतारू हो गए थे।"
वहीं, प्रशांत ने बैठक के दौरान गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में गुंडागर्दी हो रही थी। लोगों को पीटा जा रहा था। हमने लोकपाल की मांग की और उसे न आने देना दिखाता है कि अवैध वोटिंग कराई गई है।"
प्रशांत ने कहा, "सबकुछ पूर्व नियोजित तरीके से हुआ। ऐसा लग रहा था कि सारी पटकथा पहले से तैयार कर ली गई थी।"