हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को कहा कि 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट के दोषी याकूब मेमन को मृत्युदंड इसलिए मिला है, क्योंकि उसके पास किसी प्रकार का राजनीतिक समर्थन नहीं है। ओवैसी के मुताबिक याकूब के पास पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारों की तरह राजनीतिक समर्थन नहीं है। हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा कि अगर याकूब को फांसी दी जानी चाहिए तो बाबरी मस्जिद विध्वंस की साजिश रचने वालों को भी फांसी दी जानी चाहिए।
ओवैसी ने कहा, "अगर न्यायालय द्वारा दी गई फांसी की सजा से बम विस्फोट के निर्दोष पीड़ितों को न्याय मिल जाता है तो मेरी मांग है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की साजिश रचने वालों को भी मौत की सजा दी जाए।"
उन्होंने कहा, "मैं अपने पूर्व में दिए बयान पर कायम हूं, मौत की सजा इसीलिए दी जा रही है, क्योंकि उसके पास कोई राजनीतिक समर्थन नहीं है। सभी जानते हैं कि अकाली दल ने कैसे बेअंत सिंह के हत्यारों को बचाया, और कैसे तमिल राजनीतिक दलों ने राजीव गांधी के हत्यारों को फांसी से बचाया, और इससे मेरी बात की पुष्टि होती है।"
उन्होंने कहा, "यह सच है कि मेमन ने आत्मसमर्पण किया था, उसे गिरफ्तार नहीं किया गया था। और उसने मुख्य साजिशकर्ता पाकिस्तान के आईएसएआई और टाइगर मेमन के बारे में बताने के लिए जांच एजेंसियों का पूरा सहयोग किया। लेकिन उसे मौत की सजा दी जा रही है।" ओवैसी ने पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मरक डेय काटजू और कई अन्य न्यायाधीशों का भी हवाला दिया, जिन्होंने कहा है कि उसे (मेमन) फांसी की सजा नहीं मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा, "मैं आशा और प्रार्थना करता हूं कि शांति कायम रहे.. मैं अपनी मौत तक अपनी बात पर अडिग रहूं। याकूब शामिल था, लेकिन उसे मौत की सजा नहीं होनी चाहिए। उसे मौत की सजा मिली क्योंकि नरसिम्हा राव की सरकार ने उसके साथ धोखा किया क्योंकि उसके पास राजनीतिक समर्थन नहीं था।"
ओवैसी ने कहा कि मुंबई में शांति बनाए रखने के लिए मुस्लिम नेताओं से अपील की जा रही है, लेकिन अन्य समुदायों के नेताओं से ऐसा क्यों नहीं कहा जा रहा है।